1984 सिख विरोधी हिंसा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ राहत नहीं मिली. सज्जन की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने लंबित रखी है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अब जुलाई में सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने एम्स की मेडिकल रिपोर्ट देखकर कहा कि अभी उन्हें किसी तरह के उपचार की जरूरत नहीं है. बढ़ती उम्र और खराब तबियत का हवाला देकर सज्जन कुमार ने जमानत मांगी है.
सज्जन की ओर से कोर्ट को बताता गया कि उनकी जमानत याचिका काफी समय से लंबित है. वो कोर्ट के आदेशों के मुताबिक एम्स के बोर्ड के सामने भी उपस्थित हुए थे, लेकिन कोरोना के चलते वो फिर से एम्स नहीं जा पाए. उनकी उम्रकैद की सजा एक तरह से मौत की सजा बन सकती है अगर उनको जेल में कुछ हो गया तो.
दिसंबर 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. तभी से वो जेल में हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उम्र और बीमारी के आधार पर अंतरिम जमानत देने से फिलहाल इनकार किया. उसे जेल में ही रहना होगा.
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