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This Article is From Sep 29, 2021

उरी में धरे गए 18-साल के आतंकी ने कैमरे के सामने खोला पाकिस्तान का कच्चा चिट्ठा

Lashkar Terrorist बाबर ने बताया कि 18 सितंबर की रात हमने तार काटी, लेकिन अंदर दाखिल होते ही भारतीय सेना के मुस्तैद जवानों से मुकाबला हो गया. 4 साथी वापस भाग गए, लेकिन भारतीय जवानों ने उन्हें घेर कर सरेंडर करने को कहा.

Lashkar Terrorist Babar को सेना ने जिंदा पकड़ा था

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में पकड़े गए लश्कर ए तैयबा के आतंकी बाबर ने मीडिया के सामने माना है कि उसे घुसपैठ के लिए 30 हजार रुपये दिए गए थे. इसमें 20 हजार रुपये मां के इलाज के लिए दिए गए थे. मुजफ्फराबाद कैंप में उसे लश्कर ने ट्रेनिंग दी थी. बाबर पाकिस्तान के पंजाब का रहने वाला है. उसने माना कि बहला फुसलाकर उसे कश्मीर में घुसपैठ के लिए भेजा गया. आतंकी ने बताया कि उसका नाम अली बाबर है, जबकि पहचान पत्र में इमादुल्लाह लिखा है.

बाबर पाकिस्तान पंजाब के ओकारा जिले के दीपलपुर का रहने वाला है. उसने कहा कि 2014 में पिता की मौत के बाद उसके घर की हालत ठीक नहीं थी और उसे पढ़ाई छोड़नी पड़ी. नौकरी के लिए वो सियालकोट गया, जहां उसकी मुलाकात लश्कर और आईएसआई के लिए युवकों को जुटाने वाले अनस से हुई. बाबर ने बताया कि उसे 20 हजार रुपये दिए गए और बाद में 30 हजार रुपये और देने का वादा किया गया.

उसने बताया कि पहले उसे आईएसआई (ISI) के हवाले किया गया और फिर पाकिस्तानी फौज (Pakistan Army)के. उसकी ट्रेनिंग खैबर देलिहाबुल्लाह में हुई. बाबर के मुताबिक, उसे आतंकी ट्रेनिंग देने वाला पाकिस्तानी आर्मी का रिटायर्ड अफसर अबु हंजाला था. उसे एके-47 चलाने, ग्रेनेड फेंकने की ट्रेनिंग दी गई. उसके साथ इस ट्रेनिंग में आठ और लोग थे. बाद में उन सभी को एके-47 और गोला बारूद से लैस किया गया.

बाबर ने बताया कि 18 सितंबर की रात हमने तार काटी, लेकिन अंदर दाखिल होते ही भारतीय सेना के मुस्तैद जवानों से मुकाबला हो गया. 4 साथी वापस भाग गए, लेकिन भारतीय जवानों ने उन्हें घेर कर सरेंडर करने को कहा. अनस ने फायर कर भागना चाहा तो उसे ढेर कर दिया गया. 

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