विलक्षण प्रतिभा की धनी 15 साल की के. विलासिनी
चेन्नई:
विलक्षण प्रतिभा की धनी 15 साल की के. विलासिनी के नाम सबसे अधिक बौद्धिक क्षमता और अंतरराष्ट्रीय अंग्रेजी भाषा जांच प्रणाली (IELTS) सहित पांच विश्व रिकार्ड हैं।
श्रीविल्लीपुतुर के कलसिंगालिंगम विश्वविद्यालय में बीटेक कंप्यूटर साइंस की प्रथम वर्ष की छात्रा के. विलासिनी की प्रतिभा उस वक्त जाहिर हो गई थी जब वह 11 साल की थी। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश की सेवा करने के विचारों पर हाल ही में बातचीत की थी।
उसकी मां एस सेतु रागमलिगा ने बताया, 'जब वह 11 साल की थी तब हमें उसकी प्रतिभा का आभास हुआ और उसे अपने रास्ते में आने वाले हर अवसर का लाभ उठाने दिया। ऐसा ही एक मुकाम आईईएलटीएस में विश्व रिकॉर्ड बनाना है।'
शिक्षक दिवस समारोह के तहत प्रधानमंत्री से विलासिनी की बातचीत पर रागमलिगा ने कहा कि पिछले हफ्ते जब प्रधानमंत्री कार्यालय से यह फोन आया कि उनकी बेटी का चयन किया गया है, तो बड़ा ही आश्चर्य हुआ। 'यह हमारे जीवन में गौरव का सबसे बड़ा क्षण था।'
देश भर के विभिन्न स्कूलों के छात्रों से टीवी पर बातचीत में विलासिनी ने प्रधानमंत्री से देश की सेवा करने के उनके विचारों पर एक सवाल पूछा था। मोदी ने हिन्दी में जवाब दिया और कहा कि इसके लिए किसी को नेता बनने या सिविल सेवा में आने की जरूरत नहीं है तथा वह ईंधन, बिजली और खाद्यान्न बचा कर देश की सेवा कर सकता है।
यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री के हिन्दी में जवाब देने पर क्या विलासिनी को खुशी नहीं हुई, रागमलिगा ने बताया, 'यह उन लोगों की समस्या है जो यह भाषा नहीं समझते।'
श्रीविल्लीपुतुर के कलसिंगालिंगम विश्वविद्यालय में बीटेक कंप्यूटर साइंस की प्रथम वर्ष की छात्रा के. विलासिनी की प्रतिभा उस वक्त जाहिर हो गई थी जब वह 11 साल की थी। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश की सेवा करने के विचारों पर हाल ही में बातचीत की थी।
उसकी मां एस सेतु रागमलिगा ने बताया, 'जब वह 11 साल की थी तब हमें उसकी प्रतिभा का आभास हुआ और उसे अपने रास्ते में आने वाले हर अवसर का लाभ उठाने दिया। ऐसा ही एक मुकाम आईईएलटीएस में विश्व रिकॉर्ड बनाना है।'
शिक्षक दिवस समारोह के तहत प्रधानमंत्री से विलासिनी की बातचीत पर रागमलिगा ने कहा कि पिछले हफ्ते जब प्रधानमंत्री कार्यालय से यह फोन आया कि उनकी बेटी का चयन किया गया है, तो बड़ा ही आश्चर्य हुआ। 'यह हमारे जीवन में गौरव का सबसे बड़ा क्षण था।'
देश भर के विभिन्न स्कूलों के छात्रों से टीवी पर बातचीत में विलासिनी ने प्रधानमंत्री से देश की सेवा करने के उनके विचारों पर एक सवाल पूछा था। मोदी ने हिन्दी में जवाब दिया और कहा कि इसके लिए किसी को नेता बनने या सिविल सेवा में आने की जरूरत नहीं है तथा वह ईंधन, बिजली और खाद्यान्न बचा कर देश की सेवा कर सकता है।
यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री के हिन्दी में जवाब देने पर क्या विलासिनी को खुशी नहीं हुई, रागमलिगा ने बताया, 'यह उन लोगों की समस्या है जो यह भाषा नहीं समझते।'
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