देश में बढ़ते आर्थिक संकट के बीच केंद्र सरकार (Centre Govt) को कई मोर्चों पर फायर-फाइटिंग करनी पड़ रही है. एक तरफ घटती राजस्व की कमाई की वजह से खर्च में बड़ी कटौती करनी पड़ रही है. वहीं अब सरकारी कर्मचारियों के प्री-मैच्योर रिटायरमेंट की नीति और आर्थिक सुधार के फैसलों के खिलाफ मजदूर संगठन सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं. 30 साल से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ सरकारी कर्मचारियों के परफॉर्मेंस रिव्यू के बाद जनहित में रिटायर करने के सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध तेज हो रहा है. इस मसले पर देश के बड़े मजदूर संगठन लामबंद हो गए हैं. उनकी मांग है कि सरकार इस फैसले को तत्काल वापस ले.
AITUC की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा, 'हमारी मांग है कि सरकार वरिष्ठ कर्मचारियों की प्री-मैच्योर रिटायरमेंट नीति को तत्काल वापस ले. 23 सितंबर को हम पूरे देश में सरकार की मजदूर विरोधी आर्थिक नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. उस दिन सरकार के इस फैसले के खिलाफ भी मजदूर संगठन पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे.'
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देश के बड़े मजदूर संगठनों का आरोप है कि सरकार प्री-मैच्योर रिटायरमेंट की नीति ऐसे समय पर लाई है, जब अर्थव्यवस्था गंभीर संकट के दौर से गुजर रही है. जिनको नौकरी से निकाला जाएगा, उनका संकट और बढ़ेगा. CITU के महासचिव तपन सेन ने NDTV से कहा, 'CMIE ने कहा है 2 करोड़ बेरोजगार हुए हैं. इस आर्थिक संकट के दौर में सरकार को अपने कर्मचारियों को नौकरी से हटाने की जगह लाखों खाली पड़ी वैकेंसी को भरना चाहिए, जिससे करोड़ों बेरोजगारों को रोजगार मिल सके.'
केंद्र सरकार ने खर्च घटाने को उठाए ये कदम, मंत्रालयों-विभागों में नए पदों पर भी रोक
उधर गिरती राजस्व कमाई और आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों से घिरी सरकार ने शुक्रवार को सरकारी खर्च घटाने के लिए कुछ और कदम उठाने का ऐलान किया. सभी मंत्रालय डिपार्टमेंट सबोर्डिनेट ऑफिसेज और ऑटोनॉमस बर्डीज को वित्त मंत्रालय ने आदेश दिया कि सरकारी खर्च में कटौती के लिए इंपोर्ट किए गए कागज पर कोई प्रिंटिंग, किताब की छपाई नहीं की जाएगी. केवल विदेशों में मिशन को इसकी छूट होगी. फाउंडेशन दिवस जैसे जश्न पर खर्च ना किया जाए. ऐसे कार्यक्रमों के लिए यात्रा ना की जाए और इन कार्यक्रमों में बैग और मोमेन्टो देना बंद किया जाए. कंसल्टेंट की संख्या को घटाया जाए. इन्हें दी जाने वाली फीस को कम से कम रखा जाए. मंत्रालयों और विभागों में नए पद के गठन पर रोक होगी. हालांकि वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि आने वाले महीनो में अर्थव्यवस्था के हालात बेहतर होंगे. शुक्रवार को 15वें वित्त आयोग की बैठक में मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुब्रमण्यम ने ये दावा किया.
VIDEO: AITUC ने सरकार से आदेश वापस लेने की मांग की
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