सांकेतिक तस्वीर
मुंबई:
महाराष्ट्र का वन विभाग एशिया के सबसे चर्चित और प्रसिद्ध बाघ को ढूंढने की कोशिश में लगा है। वन विभाग के करीब 100 कर्मचारी इस काम में लगे है। जिस बाघ की वे तलाश में हैं उसका नाम है जय।
जय नाम के इस बाघ को विदर्भ के उमरेड - करांडला सेंच्युरी में नागझिरा से लाया था। इलाके में आने वाले पर्यटकों को सबसे ज्यादा दिखाई देने वाला यह जानवर, उसकी अदाओं के लिए भी परिचित था। उमरेड-करांडला में कभी अकेले आए जय ने अपनी प्रजा भी बढ़ा ली है।
महाराष्ट्र के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने शुक्रवार को मिडियाकर्मियों को बताया कि जय के लापता होने की वजह से चिंता बनी हुई है। उसके गले में लगा रेडियो कॉलर सन्देश नहीं दे रहा है। हो सकता है की जय किसी हाईटेंशन बिजली के तार के पास से गुजरा हो जिस वजह से उसका रेडियो कॉलर काम करना बंद कर चुका हो। फिर भी हम उसे ढूंढने की कोशिश में हैं।
जय को अपने इलाके में चक्कर लगाने की खूब आदत थी। इस आदत के चलते वो पहले भी लापता होकर लौट आया है। इस बार भी यही उम्मीद है। कंजर्वेशन, लेंसेस एंड वाईल्डलाईफ (क्लॉ) इस वन्यजीव प्रेमी संगठन ने जय के अस्तित्व की सूचना देने वाले को 50 हजार रुपये का ईनाम देने का ऐलान भी किया है।
जानकारों का अंदाजा है कि जय गडचिरोलीॉ-ब्रह्मपुरी इलाके में गया हो सकता है। ऐसे में बाघ की खोज उस दिशा में भी बढ़ रही है।
जय नाम के इस बाघ को विदर्भ के उमरेड - करांडला सेंच्युरी में नागझिरा से लाया था। इलाके में आने वाले पर्यटकों को सबसे ज्यादा दिखाई देने वाला यह जानवर, उसकी अदाओं के लिए भी परिचित था। उमरेड-करांडला में कभी अकेले आए जय ने अपनी प्रजा भी बढ़ा ली है।
महाराष्ट्र के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने शुक्रवार को मिडियाकर्मियों को बताया कि जय के लापता होने की वजह से चिंता बनी हुई है। उसके गले में लगा रेडियो कॉलर सन्देश नहीं दे रहा है। हो सकता है की जय किसी हाईटेंशन बिजली के तार के पास से गुजरा हो जिस वजह से उसका रेडियो कॉलर काम करना बंद कर चुका हो। फिर भी हम उसे ढूंढने की कोशिश में हैं।
जय को अपने इलाके में चक्कर लगाने की खूब आदत थी। इस आदत के चलते वो पहले भी लापता होकर लौट आया है। इस बार भी यही उम्मीद है। कंजर्वेशन, लेंसेस एंड वाईल्डलाईफ (क्लॉ) इस वन्यजीव प्रेमी संगठन ने जय के अस्तित्व की सूचना देने वाले को 50 हजार रुपये का ईनाम देने का ऐलान भी किया है।
जानकारों का अंदाजा है कि जय गडचिरोलीॉ-ब्रह्मपुरी इलाके में गया हो सकता है। ऐसे में बाघ की खोज उस दिशा में भी बढ़ रही है।
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