डॉ मनमोहन सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में नोटबंदी पर बोलते हुए सत्तापक्ष को कई नसीहतें दीं... उन्होंने लगभग 10 मिनट के अपने भाषण में नोटबंदी को देश के इतिहास का 'सबसे बड़ा कुप्रबंधन' करार दिया... लेकिन इसके बाद माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर ऐसी पोस्टों का तांता लग गया, जिनमें डॉ सिंह के भाषण पर टिप्पणियां की जाने लगीं... कुछ टिप्पणियां डॉ मनमोहन सिंह के अर्थशास्त्री होने के नाते कहे गए सूत्रवाक्यों की तारीफ में की गईं, लेकिन कुछ ऐसी भी थीं, जिनमें उनकी 'कम बोलने वाले राजनेता' की छवि का ज़िक्र करते हुए व्यंग्य किए गए...
ऐसी टिप्पणियों में एक बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर की थी, जिन्होंने व्यंग्य करते हुए ट्विटर पर लिखा, "विमुद्रीकरण के साइड इफेक्ट्स : मनमोहन सिंह जी आज 10 मिनट तक बोले... जय हो..."
इसके बाद उनके इस ट्वीट पर बहुत-से लोगों के जवाब आने शुरू हो गए, जिनमें से कुछ ने अनुपम का साथ दिया, लेकिन कुछ ने इस बात के लिए अभिनेता की आलोचना भी की कि वह ज्ञानवान अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह की विद्वता से लाभ उठाने के स्थान पर उनका मज़ाक उड़ा रहे हैं...
एक सज्जन ने लिखा, "अगर आप बेवजह शोर मचाने में व्यस्त न होते, तो आपने निश्चित रूप से उनकी ज्ञानभरी बातें पहले भी सुनी होतीं..."
बहुत-से ट्वीट इसी प्रकार के थे, जिनमें प्रधानमंत्री के रूप में डॉ मनमोहन सिंह के ज़्यादा नहीं बोलने का ज़िक्र करते हुए गुरुवार को राज्यसभा में दिए उनके भाषण को विशेष अवसर बताया...
ऐसी टिप्पणियों में एक बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर की थी, जिन्होंने व्यंग्य करते हुए ट्विटर पर लिखा, "विमुद्रीकरण के साइड इफेक्ट्स : मनमोहन सिंह जी आज 10 मिनट तक बोले... जय हो..."
#Demonetizaton ke side effects: #ManmohanSingh ji aaj 10min tak bole. Jai Ho.:)
— Anupam Kher (@AnupamPkher) November 24, 2016
इसके बाद उनके इस ट्वीट पर बहुत-से लोगों के जवाब आने शुरू हो गए, जिनमें से कुछ ने अनुपम का साथ दिया, लेकिन कुछ ने इस बात के लिए अभिनेता की आलोचना भी की कि वह ज्ञानवान अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह की विद्वता से लाभ उठाने के स्थान पर उनका मज़ाक उड़ा रहे हैं...
एक सज्जन ने लिखा, "अगर आप बेवजह शोर मचाने में व्यस्त न होते, तो आपने निश्चित रूप से उनकी ज्ञानभरी बातें पहले भी सुनी होतीं..."
@AnupamPkher If you were not to so busy creating needless noise, you certainly would've heard his sane voice even before.
— Akil Bakhshi (@akil_bakhshi) November 24, 2016
बहुत-से ट्वीट इसी प्रकार के थे, जिनमें प्रधानमंत्री के रूप में डॉ मनमोहन सिंह के ज़्यादा नहीं बोलने का ज़िक्र करते हुए गुरुवार को राज्यसभा में दिए उनके भाषण को विशेष अवसर बताया...
I still cant believe that Mr Manmohan singh ji had spoken! Big day.
— Ravi Kiran Bh (@BhRaviKiran) November 24, 2016
Achche Din for MMS!
— Shivagami (@Shivagami5) November 24, 2016
He gets a chance speak.
He is enjoying the freedom in opposition what he cudn't during his own rule.#ManmohanSingh
काश Manmohan singh उस वक़्त भी बोल पाते जब घोटाले से काला धन छुपाया जा रहा था तो आज उन्हे Demonetizaton को विरोध करने की नौबत ही नही आती!
— Sudhir Chaudhary (@king_ranjhna) November 24, 2016
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