कोलकाता:
गंगासागर मेले से लौटते वक्त रविवार को कम-से-कम छह तीर्थयात्रियों की मौत हो गयी. अधिकारियों ने पहले इस घटना को भगदड़ बताया लेकिन राज्य सरकार ने बाद में दावा किया कि यह भगदड़ की घटना नहीं है.
जिले के अधिकारियों ने पहले कहा कि दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गयी और तीन तीर्थयात्रियों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. अधिकारियों ने बताया कि यह घटना शाम छह बजे की है, जब कोलकाता जाने वाले पोत में चढ़ने के लिए भारी भीड़ इकट्ठा हो गयी थी. सभी अधेड़ आयु के थे और उनकी पहचान अभी की जानी है.
उन्होंने बताया कि नौसेना के गोताखोरों ने ऐसे किसी व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी है, जो भगदड़ के दौरान बूढ़ी गंगा नदी में गिर गया हो. बाद में हालांकि सुंदरबन विकास मंत्री मानतुराम पाखिरा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि गंगासागर मेले से लौटने के बाद दक्षिण 24 परगना जिले में भीड़ घाट पर मौजूद पोत पर चढ़ने कोशिश कर रही थी जिस दौरान छह बुजुर्ग महिलाएं बीमार हो गईं और उनकी मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि इस दौरान कुछ लोग बेहोश हो गए जबकि कई बीमार पड़ गए. उन्हें नजदीकी अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां छह बुजुर्ग महिलाओं की मौत हो गई. पाखिरा ने कहा, ‘‘ये महिलाएं बहुत ज्यादा बुजुर्ग थीं. उनमें से ज्यादातर 75 वर्ष से अधिक आयु की थीं और बेहद कमजोर थीं. उनकी मौत स्वाभाविक है. उनकी मौत की वजह हृदयघात है.’ राज्य के मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी और अरूप बिस्वास ने भगदड़ से इनकार किया.
बताया जा रहा है कि ये भगदड़ यहां के काचुबेरिया इलाके में मेले से लौटती भीड़ के बीच हुई. मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया है.
प्रशासन द्वारा गंगासागर मेले को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. श्रद्धालुओं ने शनिवार तड़के दो बजकर 52 मिनट के बाद से पवित्र स्नान शुरू किया और रविवार सुबह दो बजकर 15 दिन मिनट तक स्नान करने का शुभ समय था, जिसके लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आए हुए थे.
राज्य और दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की मदद के लिए 9,000 पुलिसकर्मियों और स्वयंसेवकों की तैनाती की थी. प्रशासन ने बताया कि करीबी नजर रखने के लिए 165 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. (इनपुट भाषा से भी)
जिले के अधिकारियों ने पहले कहा कि दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गयी और तीन तीर्थयात्रियों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. अधिकारियों ने बताया कि यह घटना शाम छह बजे की है, जब कोलकाता जाने वाले पोत में चढ़ने के लिए भारी भीड़ इकट्ठा हो गयी थी. सभी अधेड़ आयु के थे और उनकी पहचान अभी की जानी है.
उन्होंने बताया कि नौसेना के गोताखोरों ने ऐसे किसी व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी है, जो भगदड़ के दौरान बूढ़ी गंगा नदी में गिर गया हो. बाद में हालांकि सुंदरबन विकास मंत्री मानतुराम पाखिरा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि गंगासागर मेले से लौटने के बाद दक्षिण 24 परगना जिले में भीड़ घाट पर मौजूद पोत पर चढ़ने कोशिश कर रही थी जिस दौरान छह बुजुर्ग महिलाएं बीमार हो गईं और उनकी मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि इस दौरान कुछ लोग बेहोश हो गए जबकि कई बीमार पड़ गए. उन्हें नजदीकी अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां छह बुजुर्ग महिलाओं की मौत हो गई. पाखिरा ने कहा, ‘‘ये महिलाएं बहुत ज्यादा बुजुर्ग थीं. उनमें से ज्यादातर 75 वर्ष से अधिक आयु की थीं और बेहद कमजोर थीं. उनकी मौत स्वाभाविक है. उनकी मौत की वजह हृदयघात है.’ राज्य के मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी और अरूप बिस्वास ने भगदड़ से इनकार किया.
बताया जा रहा है कि ये भगदड़ यहां के काचुबेरिया इलाके में मेले से लौटती भीड़ के बीच हुई. मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया है.
प्रशासन द्वारा गंगासागर मेले को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. श्रद्धालुओं ने शनिवार तड़के दो बजकर 52 मिनट के बाद से पवित्र स्नान शुरू किया और रविवार सुबह दो बजकर 15 दिन मिनट तक स्नान करने का शुभ समय था, जिसके लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आए हुए थे.
राज्य और दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की मदद के लिए 9,000 पुलिसकर्मियों और स्वयंसेवकों की तैनाती की थी. प्रशासन ने बताया कि करीबी नजर रखने के लिए 165 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. (इनपुट भाषा से भी)
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