फाइल फोटो
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र में पानी का संकट गहराता जा रहा है। ये केंद्रीय जल आयोग की ताज़ा रिपोर्ट बता रही है। लोगों का जीना दूभर होता जा रहा है। लातूर में मीलों चलने के बाद लोगों को पानी नसीब हो रहा है। यही हाल महाराष्ट्र के कई और इलाकों का है। शहरों में टैंकर आ रहे हैं, लेकिन दूरदराज़ के ग्रामीण इलाकों का बुरा हाल है। हालात बिगड़ते जा रहे हैं, ये केंद्रीय जल आयोग की ताजा रिपोर्ट बताती है।
केंद्रीय जल आयोग की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के 17 बड़े जलाशयों में से 4 में पानी अब इस्तेमाल करने लायक नहीं बचा है -- ये हैं जायकवाड़ी, येलडारी, भीमा और गिरना- जहां पानी नहीं के बराबर है। जबकि राज्य के 5 बड़े जलाशयों में सिर्फ 15 फीसदी या उससे कम पानी बचा है। इस मौसम में महाराष्ट्र में जितना पानी इन जलाशयों में हुआ करता था, उससे इस साल 60% कम है।
केन्द्रीय जल आयोग के चेयरमैन, जे एस झा ने एनडीटीवी से कहा, "गर्मी बढ़ने से जलाशयों में पानी काफी तेज़ी से सूखता हैं। जैसे-जैस गर्मी बढ़ती जाएगी...जलाशयों में पानी कम होता जाएगा।''
आने वाले दिनों में जैसे जैसे गर्मी बढ़ती जाएगी...बचे हुए जलाशय सूखते जाएंगे। मौसम विभाग के मुताबिक ये संकट महाराष्ट्र तक सीमित नहीं हैं, आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर बांध में भी अब इस्तेमाल के लायक पानी नहीं बचा है। जबकि कर्नाटक के 14 बड़े बांधों में से 6 में 7 फीसदी या उससे भी कम पानी बचा है।
मुश्किल ये है कि मॉनसून अब भी करीब सात हफ़्ते दूर है...और जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाएगी...पानी का संकट भी बढ़ता जाएगा।
केंद्रीय जल आयोग की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के 17 बड़े जलाशयों में से 4 में पानी अब इस्तेमाल करने लायक नहीं बचा है -- ये हैं जायकवाड़ी, येलडारी, भीमा और गिरना- जहां पानी नहीं के बराबर है। जबकि राज्य के 5 बड़े जलाशयों में सिर्फ 15 फीसदी या उससे कम पानी बचा है। इस मौसम में महाराष्ट्र में जितना पानी इन जलाशयों में हुआ करता था, उससे इस साल 60% कम है।
केन्द्रीय जल आयोग के चेयरमैन, जे एस झा ने एनडीटीवी से कहा, "गर्मी बढ़ने से जलाशयों में पानी काफी तेज़ी से सूखता हैं। जैसे-जैस गर्मी बढ़ती जाएगी...जलाशयों में पानी कम होता जाएगा।''
आने वाले दिनों में जैसे जैसे गर्मी बढ़ती जाएगी...बचे हुए जलाशय सूखते जाएंगे। मौसम विभाग के मुताबिक ये संकट महाराष्ट्र तक सीमित नहीं हैं, आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर बांध में भी अब इस्तेमाल के लायक पानी नहीं बचा है। जबकि कर्नाटक के 14 बड़े बांधों में से 6 में 7 फीसदी या उससे भी कम पानी बचा है।
मुश्किल ये है कि मॉनसून अब भी करीब सात हफ़्ते दूर है...और जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाएगी...पानी का संकट भी बढ़ता जाएगा।
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