
- यमुना नदी का जलस्तर बुधवार शाम तक 204.13 मीटर था, जो खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है.
- हथिनीकुंड बैराज से 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने की संभावना है.
- दिल्ली सरकार ने यमुना के जलस्तर को लेकर पूरी तैयारी कर रखी है और बाढ़ प्रभावित इलाकों की समीक्षा की है.
दिल्ली में यमुना का पानी खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गया है. बुधवार को शाम 4 बजे तक यमुना का पानी 204.13 पर था, जबकि यमुना नदी में खतरे का निशान 205.33 है हालांकि सरकार ने अपनी ओर से पूरी तैयारी कर ली है. हिमाचल में लगातार हो रही बारिश के चलते बाढ़ का ख़तरा बना हुआ है हालांकि अभी तक यमुना नदी का पानी सबसे ज्यादा 208.66 रहा था.
दिल्ली सरकार ने कर रखी है पूरी तैयारी
बताया जा रहा है कि हथिनीकुंड बैराज से 50 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे यमुना नदी का जलस्तर और बढ़ सकता है. पिछले सप्ताह दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने यमुना के जलस्तर के मद्देनजर एक बैठक भी बुलाई थी, जिसमें बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की तैयारी करने की समीक्षा की गई.
यमुना के बढ़े जलस्तर से किन-किन जगहों पर खतरा बढ़ेगा
यमुना नदी का पानी अगर खतरे के निशान को पार करता है तो हाथी घाट, मंजनू का टीले, यमुना विहार, सोनिया विहार, यमुना खादर जैसे निचले इलाके में पानी भरने का ख़तरा मौजूद रहता है.
यमुना नदी के किनारे के लोगों को कब शिफ्ट किया जा सकता है
हथिनी कुंड बैराज से जब एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा तब चेतावनी जारी की जा सकती है. फिलहाल कोई खतरे वाली बात नहीं है.जब तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है तब निचले इलाकों में बोट की तैनाती होगी और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कवायद शुरू होगी.
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