प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:
यूपी शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि धर्म के नाम पर चांद-सितारे वाले हरे झंडे (पाकिस्तान मुस्लिम लीग) लहराने पर रोक लगे. याचिकाकर्ता वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि ऐसे संस्थानों, व्यक्तियों और धार्मिक संस्थाओं के खिलाफ करवाई की जाए जो पाकिस्तान मुस्लिम लीग वाले झंडे लहरा रहे हैं, क्योंकि ये इस्लामिक झंडे नही हैं.
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याचिका में मांग की गई कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे कि ऐसी जगहों की पहचान करे जहां ऐसे झंडे लहराए जाते हैं. याचिकाकर्ता वसीम रिज़वी की दलील है कि हरे कपड़े पर चांद-सितारों के निशान वाले मुस्लिम लीग के इस झंडे का इस्लामी मान्यताओं से कोई लेना देना नहीं. न तो हर रंग और ना ही चांद सितारा इस्लाम के अभिन्न अंग हैं.
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याचिका में कहा गया है कि पाकिस्तान हमारा दुश्मन मुल्क है और देश में आतंकवादी गतिविधियों के जिम्मेदार है. इतना ही नहीं पाकिस्तान सरहद पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है. पाकिस्तान सरहदों पर तैनात हमारे जवानों पर हमला करता है. ऐसे में पाकिस्तान मुस्लिम लीग का झंडा लहराना सही नहीं है.
VIDEO : आतंकी पैदा करते हैं मदरसे ?
शिया यूपी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि दरअसल ये झंडा मुस्लिम लीग का था जो 1946 में ख़त्म हो गई. देश के बंटवारे के ज़िम्मेदारों में से अहम किरदार निभाने वाली मुस्लिम लीग ने 1947 में पाकिस्तान में नया चोला पहना और अपना झंडा और निशान वही चांदतारा वाला हर झंडा रखा. बाद में पार्टी मुस्लिम लीग कायदे आज़म के नाम से जानी गई. पाकिस्तान का झंडा भी मुस्लिम लीग के झंडे में ही एक सफेद पट्टी लगाकर तैयार किया गया. रिज़वी के मुताबिक इस्लाम मे वैसे हरा नहीं बल्कि काला रंग ज़्यादा अहमियत रखता है.
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शिया यूपी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि दरअसल ये झंडा मुस्लिम लीग का था जो 1946 में ख़त्म हो गई. देश के बंटवारे के ज़िम्मेदारों में से अहम किरदार निभाने वाली मुस्लिम लीग ने 1947 में पाकिस्तान में नया चोला पहना और अपना झंडा और निशान वही चांदतारा वाला हर झंडा रखा. बाद में पार्टी मुस्लिम लीग कायदे आज़म के नाम से जानी गई. पाकिस्तान का झंडा भी मुस्लिम लीग के झंडे में ही एक सफेद पट्टी लगाकर तैयार किया गया. रिज़वी के मुताबिक इस्लाम मे वैसे हरा नहीं बल्कि काला रंग ज़्यादा अहमियत रखता है.
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