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This Article is From May 03, 2017

खत्म नहीं हो रहा लालबत्ती का मोह, अब पीएम मोदी ने बनाया खास प्लान

खत्म नहीं हो रहा लालबत्ती का मोह, अब पीएम मोदी ने बनाया खास प्लान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीआईपी कल्चर उठाने के लिए उठाया कदम...
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
वीआईपी' संस्कृति के स्थान पर 'ईपीआई'
लालबत्ती दिमाग में घुस गई है
नेताओं और बाबुओं का मोह खत्म नहीं हो रहा
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 1 मई से किसी भी वाहन पर लाल या नीली बत्ती लगाने पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगा दिया है. केंद्र ने यह सुनिश्चित करने की भी कोशिशि की है कोई भी लालबत्ती न लगा सके, यहां तक कि पुलिस भी. गौरतलब है कि पिछले कई दशकों से लालबत्ती रसूख और वीआईपी कल्चर का प्रतीक बनी हुई है. उधर, नेताओं और बाबुओं का लालबत्ती से मोह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिन पहले लोगों के दिमाग में भीतर तक घुसी वीआईपी संस्कृति को जड़ से उखाड़ फेंकने की जरूरत पर बल देते हुए कहा था कि 'वीआईपी' संस्कृति के स्थान पर 'ईपीआई' यानी 'हर व्यक्ति महत्वपूर्ण है' वाली संस्कृति अपनाने की अपील की थी.  मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कई मुद्दों पर बात की थी.

'वीआईपी' संस्कृति की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "पहले वाहनों पर लाल बत्ती लगाई जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे यह हमारे दिमाग में घुस गई और हमारी मानसिकता में जमकर बैठ गई. लाल बत्ती का जाना अच्छा है, लेकिन कोई निश्चित तौर पर यह नहीं कह सकता कि यह हमारी मानसिकता से भी चली गई है." पिछली रात को दो कार्याकारी आदेश केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के विभाग से जारी किए गए. हालांकि, नीली बत्ती को आपातकालीन सेवाओं के लिए इस्तेमाल करने की बात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कही है.

फायर ब्रिगेड, पुलिस, रक्षा बल अथवा अर्धसैनिक बलों द्वारा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के संबंध में और भूकंप, बाढ़, तूफान आदि आपदा के समय ड्यूटी निभा रहे अधिकारियों के वाहनों पर यह बहुरंगी बत्ती लग सकती है.  हालांकि जब यह ड्यूटी पर नहीं होंगे तो वह भी इसे नहीं लगा सकेंगे. राज्य सरकार हर साल ऐसे अधिकारियों की सूची आमजन की जानकारी के लिए जारी करेगी, जो बहुरंगी बत्ती का उपयोग कर सकते हैं. ऐसे वाहन की विंड स्क्रीन पर परिवहन विभाग द्वारा जारी किए गए स्टिकर लगे होंगे. परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव अभय दामले ने बताया, "प्राधिकृत अधिकारी द्वारा एक समय पर केवल एक वाहन के लिए स्टिकर जारी किया जाएगा."

उधर, कर्नाटक के खाद्य व आपूर्ति मंत्री यूटी खादर का कहना है कि वह लालबत्ती को अपने सिर पर लगाकर नहीं घूमते. मंत्री होने के नाते सरकार से उन्हें लाल बत्ती लड़ी गाड़ी मिली है. अगर राज्य की कैबिनेट या फिर मुख्यमंत्री उन्हें ऐसा करने का निर्देश देते हैं तो वह तत्काल इसकी पालना करेंगे, लेकिन केवल केंद्र के नोटिफिकेशन पर वह यह कदम नहीं उठाने जा रहे. माना जा रहा है कि सरकार ऐसा प्रयास करने जा रही है कि कोई भी अपात्र लालबत्ती की शिकायत कर सके.

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