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This Article is From Jul 10, 2020

'कानपुर घटना' में शहीद पुलिस अफसर के रिश्‍तेदार ने कहा, 'जिन लोगों ने विकास दुबे की मदद की, वे अभी भी फल-फूल रहे'

हमले में शहीद होने वाले इन आठ पुलिसकर्मियों में से एक उप पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र मिश्रा के ब्रदर इन लॉ कमलाकांत मिश्रा (Kamla Kant Mishra) ने कहा, "मुझे लगता है कि न्याय का एकमात्र अर्थ यह है कि हम अपने परिवार की ओर से संस्‍कारों (rituals) को यह जानते हुए पूरा कर सकते हैं कि उसका हत्‍यारा अब जिंदा नहीं है. "

'कानपुर घटना' में शहीद पुलिस अफसर के रिश्‍तेदार ने कहा, 'जिन लोगों ने विकास दुबे की मदद की, वे अभी भी फल-फूल रहे'
Vikas Dubey Encounter: विकास और उसके गुर्गों के हमले में डीएसपी देवेंद्र मिश्रा को जान गंवानी पड़ी थी
नई दिल्ली:

Vikas Dubey Update: दुर्दांत अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) और उसके गुर्गों के हमले में जान गंवाने वाले यूपी के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के परिवार ने उन लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है जिन्‍होंने इस गैंगस्‍टर की 'मदद' की थी. विकास को गुरुवार सुबह मध्‍यप्रदेश के उज्‍जैन शहर में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के अनुसार, विकास को जब उज्‍जैन से यूपी के कानपुर लाया जा रहा था तो एक सड़क दुर्घटना के बाद उसने भागने की कोशिश जिसके बाद हुए एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई. पिछले सप्ताह विकास को गिरफ्तार करने गए पुलिस बल के आठ कर्मचारियों (Kanpur Police Encounter) को गैंगस्‍टर के घात लगाकर किए गए हमले में जान गंवानी पड़ी थी. 

हमले में शहीद होने वाले इन आठ पुलिसकर्मियों में से एक उप पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र मिश्रा के ब्रदर इन लॉ कमलाकांत मिश्रा (Kamla Kant Mishra) ने कहा, "मुझे लगता है कि न्याय का एकमात्र अर्थ यह है कि हम अपने परिवार की ओर से संस्‍कारों (rituals) को यह जानते हुए पूरा कर सकते हैं कि उसका हत्‍यारा अब जिंदा नहीं है. लेकिन हमारे समाज में एक बीमारी है और वह वैसी ही बनी हुई है." मिश्रा ने कहा, "जिन लोगों ने विकास को आश्रय दिया, जिन लोगों ने उसकी मदद की, संरक्षण दिया, वे अभी भी बरकरार हैं, फल-फूल रहे हैं. एक विकास दुबे की मृत्यु हो गई है, लेकिन 10 अन्य उनकी जगह लेंगे. उन्‍होंने कहा,  "जिन राजनेताओं ने चुनाव में उसकी मदद ली, उनके बारे में क्या? ऐसे लोगों की वजह से ही दुबे जैसे अपराधी पनपे. दुबे ने किस तरह थाने किसी की हत्या की और भाग निकला? हमें इन बुराई की जड़ों पर प्रहार करना होगा? यदि दुबे जीवित होते तो कम से कम हम कुछ और सफेदपोश अपराधियों तक पहुंच सकते थे.”

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार मिश्रा ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह कहानी का अंत है. बल्कि, यह सिर्फ शुरुआत है." गौरतलब है कि विकास दुबे पर खिलाफ हत्या, अपहरण और जबरन वसूली सहित 60 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे. पुलिस और राजनेताओं के साथ उनके कथित संबंधों ने उन्हें वर्षों तक जेल से बाहर रहने में मदद की. कई पार्टियों में भी वह रहा, इस कारण राजनेताओं से भी विकास के संबंध रहे.

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