विजय माल्या (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
लोन धोखाधड़ी मामले में विजय माल्या लगातार तीसरी बार प्रवर्तन निदेशालय (ED)के समक्ष पेश नहीं हुए। निदेशालय के नोटिस का जवाब देने के लिए उन्होंने मई तक का समय मांगा है ताकि वह निजी तौर पर पेश हो सकें। गौरतलब है कि 900 करोड़ के लोन घोटाले के मामले में मार्च में प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या को नोटिस जारी किया था। 9 अप्रैल से पहले वह 18 मार्च और 2 अप्रैल को भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे।
अधिकारियों का कहना है कि माल्या ने मुंबई में केस के जांच अधिकारी को सूचित कर दिया था कि उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जारी कानूनी कार्रवाई की वजह से वह निजी तौर पर शनिवार को उपस्थित नहीं हो पाएंगे। हालांकि समझा जाता है कि उन्होंने अपनी कानूनी टीम से मामले में ईडी की सहायता करने की बात कही थी। पिछले हफ्ते भी माल्या ने मई तक का वक्त मांगा था लेकिन उनका अनुरोध ठुकरा दिया गया था। अब सोमवार को यह तय होगा कि उपस्थित न होने के बाद क्या अब उन पर कानूनी कार्यवाही की जाए या फिर उन्हें मई तक का वक्त दे दिया जाए।
क्या पासपोर्ट ज़ब्त होगा..
बता दें कि शुक्रवार को अधिकारियों ने कहा था कि माल्या के फिर से न पेश होने की स्थिति में उनका पासपोर्ट जब्त किया जाएगा या फिर वह सीधे अदालत में उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरेंट लेने जाएंगे। ईडी के अधिकारियों ने इससे पहले संकेत दिया था कि 9 अप्रैल का समन PMLA के तहत संभवत: माल्या को भेजा जाने वाला आखिरी समन है।
यह समझा जा रहा है कि मई तक का वक्त मांगने के साथ ही माल्या ने अधिकारियों को इस बात की भी सूचना दी है कि उनके बैंक लोन से संबंधित मामले फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में चल रहे हैं और वह अपनी टीम के साथ मिलकर कर्ज को चुकाने की कोशिश में लगे हुए हैं। यही वजह है कि वह थोड़ा और वक्त मांग रहे हैं।
बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने 9000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज़ नहीं चुका पाने के मामले में माल्या के ख़िलाफ़ कोर्ट और ट्रिब्यूनल में अपील की है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी माल्या से 21 अप्रैल तक उनके और उनके परिवार की भारत और विदेश में मौजूद संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कहा है। न्यायालय ने माल्या से यह भी संकेत देने को कहा है कि वह कब कोर्ट के समक्ष उपस्थित हो सकते हैं।
अधिकारियों का कहना है कि माल्या ने मुंबई में केस के जांच अधिकारी को सूचित कर दिया था कि उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जारी कानूनी कार्रवाई की वजह से वह निजी तौर पर शनिवार को उपस्थित नहीं हो पाएंगे। हालांकि समझा जाता है कि उन्होंने अपनी कानूनी टीम से मामले में ईडी की सहायता करने की बात कही थी। पिछले हफ्ते भी माल्या ने मई तक का वक्त मांगा था लेकिन उनका अनुरोध ठुकरा दिया गया था। अब सोमवार को यह तय होगा कि उपस्थित न होने के बाद क्या अब उन पर कानूनी कार्यवाही की जाए या फिर उन्हें मई तक का वक्त दे दिया जाए।
क्या पासपोर्ट ज़ब्त होगा..
बता दें कि शुक्रवार को अधिकारियों ने कहा था कि माल्या के फिर से न पेश होने की स्थिति में उनका पासपोर्ट जब्त किया जाएगा या फिर वह सीधे अदालत में उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरेंट लेने जाएंगे। ईडी के अधिकारियों ने इससे पहले संकेत दिया था कि 9 अप्रैल का समन PMLA के तहत संभवत: माल्या को भेजा जाने वाला आखिरी समन है।
यह समझा जा रहा है कि मई तक का वक्त मांगने के साथ ही माल्या ने अधिकारियों को इस बात की भी सूचना दी है कि उनके बैंक लोन से संबंधित मामले फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में चल रहे हैं और वह अपनी टीम के साथ मिलकर कर्ज को चुकाने की कोशिश में लगे हुए हैं। यही वजह है कि वह थोड़ा और वक्त मांग रहे हैं।
बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने 9000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज़ नहीं चुका पाने के मामले में माल्या के ख़िलाफ़ कोर्ट और ट्रिब्यूनल में अपील की है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी माल्या से 21 अप्रैल तक उनके और उनके परिवार की भारत और विदेश में मौजूद संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कहा है। न्यायालय ने माल्या से यह भी संकेत देने को कहा है कि वह कब कोर्ट के समक्ष उपस्थित हो सकते हैं।
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