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This Article is From Apr 21, 2016

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने केंद्र को फिर फटकारा, कहा- 'क्या सरकार इस केस में प्राइवेट पार्टी है'

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने केंद्र को फिर फटकारा, कहा- 'क्या सरकार इस केस में प्राइवेट पार्टी है'
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राष्ट्रपति शासन को लेकर कई बार केंद्र को फटकार लगाई है।
देहरादून: उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने गुरुवार को फिर सख़्त टिप्पणी की। कोर्ट ने पूछा, 'क्या इस केस में सरकार प्राइवेट पार्टी है?' बीजेपी के बहुमत के दावों के बीच कोर्ट ने केंद्र से एक हफ़्ते तक राष्ट्रपति शासन नहीं हटाने का भरोसा देने के लिए कहा है।

जब केंद्र ने कहा कि वह इस बात की कोई गारंटी नहीं दे सकते कि राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाया जाएगा या नहीं, तो हाई कोर्ट ने कहा, 'आपके इस तरह के व्यवहार से हमें तकलीफ हुई है।'

...तो यह न्याय का मजाक होगा
कोर्ट चाहता है कि उसका फैसला आने तक राज्य में राष्ट्रपति शासन बना रहे। जजों ने कहा कि उन्हें चिंता इस बात की है कि यदि ऐसा नहीं होता है, तो किसी को भी नई सरकार बनाने का मौका दिए जाने पर यह न्याय का मजाक होगा।

जजों ने पूछा, 'यदि कल आप राष्ट्रपति शासन हटा लेते हैं और किसी को भी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर देते हैं, तो यह न्याय का मजाक उड़ाना होगा। क्या केंद्र सरकार कोई प्राइवेट पार्टी है?'

नैनीताल हाई कोर्ट की डबल बेंच में चल रही सुनवाई में चीफ़ जस्टिस के एम जोसेफ़ ने केंद्र के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का पक्ष सुनने के दौरान कई सवाल किए।

इस मामले के साथ चल रहे 9 बागी विधायकों के मामले में उनके वकील दिनेश द्विवेदी ने कहा कि यह समस्या कांग्रेस से नहीं बल्कि हरीश रावत और स्पीकर के साथ जुड़ी है, क्योंकि सभी 9 विधायक सदस्यता खत्म करने के बावजूद आज भी कांग्रेस के सदस्य हैं। बहस अभी चल रही है और शाम तक कोई बड़ा फैसला आने के आसार हैं।

पहले भी लगाई है कड़ी फटकार
इससे बुधवार को भी उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार के फ़ैसले पर पर बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था, 'भारत में संविधान से ऊपर कोई नहीं है। इस देश में संविधान को सर्वोच्च माना गया है। यह कोई राजा का आदेश नहीं है, जिसे बदला नहीं जा सकता है। राष्ट्रपति के आदेश को भी संविधान के ज़रिए बदला जा सकता है।'

केंद्र की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल  तुषार मेहता और हरीश रावत की तरफ़ से अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की।

राष्ट्रपति शासन हटने पर ऐसा होगा बहुमत का गणित
यदि केंद्र सरकार राज्य से राष्ट्रपति शासन हटा लेती है, तो बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है, क्योंकि वह बहुमत का दावा कर रही है। आइए हम एक नजर वर्तमान और भावी स्थिति पर डालते हैं- 

उत्तराखंड विधानसभा की वर्तमान स्थिति
कुल सीटें- 71
कांग्रेस- 36
बीजेपी- 27
उत्तराखंड क्रांति दल- 1
निर्दलीय- 3
बीएसपी- 2
बीजेपी निष्कासित- 1
मनोनीत- 1

ऐसी हो सकती है भावी स्थिति-
बहुमत का आंकड़ा- 36
कांग्रेस कैंप- 44-9= 35
बीजेपी कैंप- 27+9= 36

इस प्रकार बीजेपी बहुमत साबित करके सरकार बना लेगी। हालांकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।

 
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