उत्तराखंड BJP के नेता रहे हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) पार्टी और कैबिनेट से अपने निष्कासन के बाद सोमवार को कैमरे के सामने ही रो पड़े. रावत ने रोते हुए आरोप लगाए कि पार्टी ने उनसे बात किए बिना उन्हें निकाल दिया. पूर्व में कांग्रेस से बीजेपी में आए हुए नेता हरक सिंह रावत के वापस पुरानी पार्टी में लौटने की अटकलें लग रही हैं, इसी बीच उन्होंने ये घोषणा भी कि अगले महीने हो रहे चुनाव में कांग्रेस की ही जीत होगी. रावत ने आज न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि 'उन्होंने (बीजेपी ने) इतना बड़ा फैसला लेने से पहले मुझसे एक बार भी बात नहीं की. अगर मैंने बीजेपी जॉइन करने के लिए कांग्रेस नहीं छोड़ी होती तो मैंने बीजेपी चार साल पहले ही छोड़ दी होती. मंत्री बनने में मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है. मैं बस काम करना चाहता था.'
रावत के बारे में ये दिलचस्प बात है कि उन्होंने 2016 में हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार से बगावत किया था. उनके साथ उस बार नौ विधायक भी बीजेपी में शामिल हो गए थे. ऐसी रिपोर्ट्स आ रही हैं कि अब वो कांग्रेस जॉइन करना चाहते हैं लेकिन हरीश रावत अपने खिलाफ एक बार बागी हो चुके रावत को वापस पार्टी में जगह देने के पक्ष में नहीं हैं.
रावत ने इस बात से इनकार किया कि कांग्रेस में शामिल होने के लिए उनकी पार्टी से पहले से बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि 'अब मैं कांग्रेस से बात करूंगा और कांग्रेस के लिए ही काम करूंगा.' उन्होंने दावा किया कि उन्हें दिल्ली में एक मीटिंग के लिए बुलाया गया था, लेकिन 'ट्रैफिक' की वजह से वो देर हो गए. जबतक वो पार्टी लीडरशिप से मिलते, उन्हें निकाले जाने की खबर आ गई थी.
हरक सिंह रावत का दुख...
रावत ने आंसूं पोंछते और पानी पीते हुए कहा कि 'केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मुझे मिलने के लिए दिल्ली बुलाया था, ट्रैफिक की वजह से मुझे थोड़ी देरी हो गई. मैं उनसे और गृहमंत्री अमित शाह जी से मिलना चाहता था, लेकिन मैं जैसे ही दिल्ली पहुंचा, सोशल मीडिया पर देखा कि उन्होंने मुझे निकाल दिया है.'
#WATCH | Former Uttarakhand BJP Minister Harak Singh Rawat breaks down after speaking about his expulsion from the Uttarakhand BJP Cabinet https://t.co/7xjIENtki6 pic.twitter.com/L8rEADPsBs
— ANI (@ANI) January 17, 2022
बता दें कि हरक सिंह रावत को रविवार की रात 'पार्टी-विरोधी गतिविधियों' के चलते पार्टी से निकाल दिया गया. आधी रात से पहले ऐसी रिपोर्ट्स आईं कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने गवर्नर को चिट्ठी लिखकर रावत को कैबिनेट से भी हटाए जाने के फैसले से अवगत करा दिया था. धामी ने आरोप लगाया कि रावत अपने परिवार के सदस्यों के लिए टिकट की लॉबिंग कर रहे थे.
रावत को निकालने का ये फैसला तब आया है जब उत्तराखंड के चुनावों में कुछ हफ्ते ही बचे हैं. उत्तराखंड में 14 फरवरी को चुनाव होने हैं. एक साथ पांच राज्यों में हो रहे चुनावों की मतगणना 10 मार्च को होगी.
Video : उत्तराखंडः BJP से कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत निष्कासित, सीएम ने मंत्रिमंडल से भी किया बर्खास्त
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