कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए आगे आए भाजपा शासित राज्य, जानें किस राज्य ने क्या किया ऐलान

कोरोना महामारी (Coronavirus) के कारण निराश्रित हुए बच्चों (Corona Orphaned Children) के समर्थन में भाजपा शासित राज्यों ने मदद का ऐलान किया है.

कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए आगे आए भाजपा शासित राज्य, जानें किस राज्य ने क्या किया ऐलान

कोरोना में अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए आगे भाजपा शासित राज्य. (फाइल फोटो)

लखनऊ:

कोरोना महामारी (Coronavirus) के कारण निराश्रित हुए बच्चों (Corona Orphaned Children) के समर्थन में भाजपा शासित राज्यों ने मदद का ऐलान किया है. उत्तर प्रदेश-हरियाणा समेत कई भाजपा शासित राज्यों ने कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए योजनाओं की घोषणा की है. कोरोना महामारी के चलते कई बच्चों के माता-पिता की असमय मौत हो गई. राज्यों ने योजनाओं की घोषणा के साथ कहा कि ऐसे बच्चों के लालन-पालन, शिक्षा-दीक्षा सहित विकास के सभी संसाधन उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. इन बच्चों के प्रति संवेदना का भाव रखते हुए सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने तमाम योजना प्रारंभ करने की घोषणा की है. आइये आपको बताते हैं ऐसे बच्चों के लिए किस राज्य ने क्या ऐलान किया है...  

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उत्तर प्रदेश में बाल सेवा योजना का ऐलान

उत्तर प्रदेश में बच्चे के वयस्क होने तक उनके अभिभावक अथवा देखभाल करने वाले को ₹4,000 प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. दस वर्ष की आयु से कम के ऐसे बच्चे जिनका कोई अभिभावक अथवा परिवार नहीं है, ऐसे सभी बच्चों को प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार की सहायता से अथवा अपने संसाधनों से संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु) में देखभाल की जाएगी. अवयस्क बालिकाओं की देखभाल सुनिश्चित की जाएगी. इन्हें भारत सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (आवासीय) में अथवा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित राजकीय बाल गृह (बालिका) में रखा जाएगा. बालिकाओं के विवाह की समुचित व्यवस्था के लिए प्रदेश सरकार बालिकाओं की शादी हेतु रुपये 1,01,000 की राशि उपलब्ध कराएगी. स्कूल-कॉलेज में पढ़ रहे या व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे ऐसे सभी बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

असम सरकार ने शुरू की मुख्यमंत्री शिशु सेवा योजना

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य में कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों की बेहतर शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए अभिभावकों को हर महीने 3,500 रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी. जिन बच्चों के परिवार में देखभाल करने वाला कोई नहीं है, उन्हें आवासीय विद्यालयों या संस्थानों में भेजा जाएगा और इसका खर्च सरकार उठाएगी. महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले ऐसे बच्चों को व्यावसायिक अथवा कौशल आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि उनकी आजीविका सुनिश्चित हो सके. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सात साल पूरे होने के मौके पर रविवार को ऐसे बच्चों के लिए ''मुख्यमंत्री शिशु सेवा योजना'' की शुरुआत की जाएगी.

कोविड से अनाथ हुए बच्चों के लिए आगे आई कर्नाटक सरकार

इस कड़ी में कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने ऐलान किया कि कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के लिए सरकार ने बाल सेवा योजना की शुरुआत की है. जिसके तहत अभिभावकों / देखभाल करने वालों को 3500 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता दी जाएगी. जिन बच्चों के अभिभावक नहीं हैं, उन्हें चाइल्ड केयर संस्थानों में रखा जाएगा. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए उन्हें आदर्श आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा. 10वीं कक्षा पूरी करने वाले बच्चों को उच्च/व्यावसायिक शिक्षा के लिए मुफ्त लैपटॉप/टैब दिया जाएगा. 21 साल की उम्र पूरी करने वाली लड़कियों को शादी, उच्च शिक्षा, स्वरोजगार के लिए 1 लाख रुपये दिए जाएंगे.

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हरियाणा की खट्टर सरकार ने किए ये ऐलान

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ऐसे बच्चों के लिए बाल सेवा योजना का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत उन बच्चों को वित्तीय मदद सुनिश्चित की जाएगी जिन्होंने अपने माता-पिता / देखभाल करने वालों को कोरोना के कारण खो दिया. ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र तक 2,500 रुपये प्रति माह दिया जाएगा. इसके अलावा उन्हें अन्य खर्चों के लिए 12,000 रुपये (प्रति वर्ष) प्रदान किए जाएंगे. बाल सेवा संस्थान में रहने वाले बच्चों के लिए आवर्ती जमा खाते खोले जाएंगे. 18 साल की उम्र तक उनके खातों में 1500 रुपये जमा किया जाएगा. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में 12वीं कक्षा तक की बच्चियों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी. 51,000 रुपये उनके बैंक खातों में जमा किए जाएंगे और उन्हें यह राशि उनकी शादी के समय ब्याज के साथ दी जाएगी.

अरुणाचल प्रदेश सरकार ने किए ये ऐलान

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडु ने कहा कि एनडीए सरकार के 7 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में कोराना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत ऐसे बच्चों की देखभाल के लिए 2000 रुपये प्रति माह और अतिरिक्त राशि 1500 रुपये प्रति माह दी जाएगी. 10 साल से कम उम्र के बच्चे जिनका कोई परिवार / अभिभावक नहीं है, उन्हें चाइल्ड केयर संस्थानों में रखा जाएगा और मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के साथ संस्थानों में सभी लाभ प्राप्त होंगे. किशोरियों को शारदा मिशन, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय या किसी अन्य बालिका विद्यालय जैसे संस्थानों में उनकी शिक्षा के लिए वरीयता दी जाएगी. ऐसे बच्चों को लैपटॉप/टैब प्रदान किया जाएगा, जो स्कूल/कॉलेज जा रहा है या व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है.

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से होगी अनाथ बच्चों की मदद

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एक सप्ताह पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी कोरोना में अनाथ हुए बच्चों की देखभाल की घोषणा की थी. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि ऐसे बच्चों की परवरिश उनकी शिक्षा और उनके रने की व्यवस्था मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत की जाएगी. उन्होंने कहा था कि कोरोना काल में जिन बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया है उनकी जिम्मेदारी अब सरकार उठाएगी. इसके लिए उत्तराखंड में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना शुरू की गई है.