Union Budget 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) शनिवार को लोकसभा में 2020-21 का आम बजट (Union Budget) पेश करेंगी. भू-राजनीतिक क्षेत्र में तनाव फैला हुआ है और दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध के बाद अब कुछ शांति दिख रही है. ऐसे में घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देना वित्त मंत्री के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है. आर्थिक समीक्षा में भी उद्योग जगत में विश्वास बढ़ाते हुए कारोबार सुगमता बढ़ाने सहित कई उपाय सुझाए गए हैं. पिछले साल सितंबर में सरकार ने निवेश प्रोत्साहन के लिए कॉरपोरेट कर दरों में बड़ी कटौती की थी. नौकरीपेशा लोग पिछले काफी समय से इनकम टैक्स सेक्शन 80C के तहत आयकर में रियायत की सीमा बढ़ाए जाने की भी मांग कर रहे हैं. माना जा रहा है कि बजट में उनकी इस मांग को पूरा करते हुए केंद्र सरकार मिडिल क्लास को तोहफा दे सकती है.
कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी कटौती के बाद अब यह कयास लगाया जा रहा है कि व्यक्तिगत आयकर दरों में भी कटौती की जा सकती है. इसमें छूट की न्यूनतम सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जा सकता है. व्यक्तिगत आयकर स्लैब में बदलाव के साथ ही ऊंची आय वालों के लिए एक नया स्लैब बजट में रखा जा सकता है. बजट में नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, बिजली, सस्ते आवास, रियल एस्टेट और निर्यात प्रोत्साहन के क्षेत्र में नए प्रोत्साहनों की घोषणा की जा सकती है. माना जा रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार इस बजट में ऑटो सेक्टर और छोटे कारोबारियों के लिए भी कुछ राहत भरे ऐलान कर सकती है.
इस बजट में लोगों की जेब में खर्च के लिए अधिक पैसा बचे, इसके लिए आयकर (Income Tax) में कटौती, ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को अधिक प्रोत्साहन और ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाया जा सकता है. साथ ही बजट में मिडिल क्लास को कुछ और राहतें भी दी जाने की उम्मीद जताई जा रही है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं