राज्यसभा में आज महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और बॉलीवुड स्टार रेखा जैसे मनोनीत सदस्य एवं मशहूर हस्तियों के सदन में अकसर नहीं आने का मुद्दा उठा।
राज्यसभा के उप सभापति पी जे कुरियन ने इस मुददे के जवाब में कहा कि मास्टर ब्लास्टर ने सदन की पिछली 40 बैठकों में भाग नहीं लिया, लेकिन नियम के तहत 60 बैठकों में अनुपस्थित रहने वाले सदस्य के खिलाफ ही कार्रवाई होती है।
सदन में कई मशहूर हस्तियां एवं मनोनीत सदस्य पिछले कई दिनों से अनुपस्थित हैं। आसन को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे सूचना दे कर अनुपस्थित हुए हैं? कुरियन ने कहा कि पहले भी यह मामला उठाया गया था। उन्होंने इस बारे में जो जानकारी एकत्र की है उसके अनुसार, क्रिकेटर तेंदुलकर अप्रैल 2012 में इस सदन में मनोनीत किए गए थे। उन्होंने अभी तक मात्र 3 बैठकों में हिस्सा लिया है। कुरियन ने कहा कि तेंदुलकर ने अंतिम बार 13 दिसंबर 2013 को उच्च सदन की बैठक में भाग लिया था।
उप सभापति ने कहा कि मशहूर सिने अभिनेत्री रेखा को भी अप्रैल 2012 में उच्च सदन में मनोनीत किया गया था। रेखा ने अभी तक उच्च सदन की सात बैठकों में हिस्सा लिया है। कुरियन ने कहा कि रेखा ने अंतिम बार 19 फरवरी 2014 को सदन की बैठक में भाग लिया था।
उप सभापति ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 104 के तहत यदि कोई सदस्य बिना अनुमति के 60 बैठकों तक सदन में नहीं आता है तो उसकी सीट को रिक्त मान लिया जाता है।
उन्होंने कहा कि तेंदुलकर अभी केवल 40 बैठकों में नहीं आए हैं जबकि रेखा के मामलों में तो यह संख्या और भी कम है लिहाजा इन दोनों पर उक्त नियम लागू नहीं होता।
गौरतलब है कि तेंदुलकर और रेखा मनोनीत होने के बाद न केवल बहुत कम दिनों आए बल्कि बहुत कम समय भी बैठे। इसे लेकर पहले भी सदन में सदस्यों ने आसन का इस बात की ओर दिलाया था।
इस बीच राज्य सभा से अनुपस्थिति के कारण आलोचना का सामना कर रहे सचिन तेंदुलकर ने आज कहा कि चिकित्सा कारणों से वह दिल्ली में नहीं थे और वह किसी संस्थान का अपमान नहीं करना चाहते।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं