सरकार की आलोचना करने वालों के खिलाफ नहीं बल्कि ट्विटर पर फर्जी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई: सरकारी सूत्र

देश भर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच सरकार ने सोशल मीडिया पर फेक खबरों पर शिकंजा कसने की तैयारी की है. शनिवार को ट्विटर ने केंद्र द्वारा सूचित किए जाने के बाद कई ट्वीट्स डीलिट किए.

सरकार की आलोचना करने वालों के खिलाफ नहीं बल्कि ट्विटर पर फर्जी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई: सरकारी सूत्र

ट्विटर ने बताया किसी भी ट्वीट को हटाने से पहले यूजर को इमेल के जरिए इसकी सूचना दी जाती है

नई दिल्ली:

देश भर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच सरकार ने सोशल मीडिया पर फेक खबरों पर शिकंजा कसने की तैयारी की है. शनिवार को ट्विटर ने केंद्र द्वारा सूचित किए जाने के बाद कई ट्वीट्स डीलिट किए. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार का मानना है कि इन ट्वीटस के जरिए फर्जी खबरों का प्रसार किया जा रहा था. न्यूजनामा में छपी रिपोर्ट के अनुसार जिन ट्वीट्स को डीलिट किया गया है, उनमें लोकसभा से कांग्रेस सांसद रेवनाथ रेड्डी, बंगाल सरकार के मंत्री मौली घटक, एक्टर विनीत कुमार सिंह और दो फिल्म मेकर्स विनोद कापड़ी और अविनाश दास का नाम शामिल है. 

ट्विटर प्रवक्ता द्वारा इन ट्वीट्स को हटाने की पुष्टि करते हुए कहा कि भारत सरकार की तरफ से कानूनी अनुरोध के जवाब में यह कार्रवाई की गई है. ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि हम कोविड-19 से संबंधित गलत सूचनाओं से निपटने के लिए प्रोडक्ट, टेक्नॉलोजी और मानव समीक्षा के मिश्रण का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस नीति के तहत हम शिकायत मिलने के बाद सूचनाओं की विभिन्न पैमानों पर समीक्षा करते हैं, यदि उनमें नियमों का उल्लंघन पाया जाता है तो कार्रवाई की जाती है. उन्होंने बताया कि किसी भी ट्वीट को हटाने से पहले यूजर को इमेल के जरिए इसकी सूचना भी दी जाती है. 

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वहीं सरकारी सूत्रों ने NDTV से बातचीत में बताया कि इन ट्वीट्स को सरकार की आलोचना करने के कारण नहीं हटाया गया है बल्कि गलत और पुरानी सूचना और तस्वीरों को महामारी के इस दौर में इस तरह से प्रसारित करने के कारण हटाया गया क्योंकि लोगों में भ्रम और डर की स्थिति पैदा हो रही थी. उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम ट्विटर अकाउंट जो दिन भर सरकार की आलोचनाएं किया करते हैं लेकिन सरकार ने उन्हें ब्लॉक करने की बात नहीं की. उन्होंने कहा कि सिर्फ उन खातों को ही ब्लॉक किया गया है जिनके माध्यम से फर्जी खबरें फैलाई जा रही थीं.