विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा है कि लद्दाख में पिछले सात माह से चीन के साथ जारी गतिरोध में भारत को आजमाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत इससे और मजबूत होकर उभरेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों से निपटेगा. लद्दाख में पिछले सात माह से चीन के साथ गतिरोध चल रहा है.
फिक्की के सालाना आम सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में जो कुछ घटित हुआ, वह चीन के हित में नहीं है. इस मामले ने भारत में जन भावना पर काफी असर डाला है. चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घटनाओं को बेहद व्यथित करने वाली बताते हुए जयशंकर ने कहा कि इससे तमाम बुनियादी चिंताएं पैदा हुई हैं. सीमा पर गतिरोध लंबा खिंचने या जल्द समाधान निकलने के सवाल पर एस जय़शंकर ने कहा कि वह कोई भविष्यवाणी नहीं करना चाहते. यह कितना लंबा खिंचेगा, इसका समाधान कब निकलेगा, इसको लेकर वह कोई समयसीमा नहीं रखना चाहते.
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, मैंने पिछले कुछ दशकों में चीन के प्रति भारतीय जनमानस की भावनाओं में बदलाव देखा था. मुझे स्वयं वह मुश्किल दौर याद है, खासकर बचपन और किशोरावस्था में मैंने जो अनुभव किया. उन्होंने याद दिलाया कि रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए काफी मेहनत दोनों ओर से की गई थी. लेकिन यह नहीं कह सकते कि इस साल घटी घटनाओं ने इसमें मदद की है. मुझे आशंका है कि असली खतरा यही है कि जो सदभावना पैदा की गई है, वह गायब हो जाएगी.
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