अरुणाचल प्रदेश : चिड़ियाघर में बाघिन ने ले ली कर्मचारी की जान, पिंजरे के तीनों गेट रह गए थे खुले

फ्लागो ने बताया, ‘‘घटना मंगलवार दोपहर ढाई बजे की है. मुझे एक अन्य कर्मचारी ने इस बारे में सूचना दी. मैं एक चिकित्सक और अन्य कर्मचारियों के साथ जब चिड़ियाघर पहुंचा तब तक कर्माकर की मौत हो चुकी थी. उसका चेहरा खून से लथपथ था.’’

अरुणाचल प्रदेश : चिड़ियाघर में बाघिन ने ले ली कर्मचारी की जान, पिंजरे के तीनों गेट रह गए थे खुले

बाघिन ने चिड़ियाघर के कर्मचारी पर किया हमला

ईटानगर के बायोलॉजिकल पार्क में एक बाघिन ने चिड़ियाघर के 35 वर्षीय कर्मचारी पर हमला कर दिया जिसमें कर्मचारी की मौत हो गई. एक अधिकारी ने यह जानकारी. चिड़ियाघर के अधिकारी राया फ्लागो ने बताया कि असम में लखीमपुर जिले के धेकियाजुली में रहने वाले पलाश कर्माकर मंगलवार को जब बाघिन के बाड़े में पानी की टंकी साफ करने के लिए घुसे तो बाघिन ने उन पर हमला कर दिया.

फ्लागो ने बताया, ‘‘घटना मंगलवार दोपहर ढाई बजे की है. मुझे एक अन्य कर्मचारी ने इस बारे में सूचना दी. मैं एक चिकित्सक और अन्य कर्मचारियों के साथ जब चिड़ियाघर पहुंचा तब तक कर्माकर की मौत हो चुकी थी. उसका चेहरा खून से लथपथ था.''

उन्होंने कहा, ‘‘बाघिन के पिंजरे में जाने के तीन दरवाजे हैं और सभी खुले छूट गए थे. हमें लगता है कि इस कारण से ही बाघिन ने चिड़ियाघर के कर्मचारी पर हमला कर दिया.'' फ्लागो ने कहा कि मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. ईटानगर के उप-संभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) कमदम सिकोम ने बताया कि यहां थाने में अप्राकृतिक मृत्यु का एक मामला दर्ज किया गया है और शव को आर के मिशन अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस को कुछ भी संदिग्ध नहीं लगा और प्रारंभिक पड़ताल में यह लापरवाही का मामला लगता है.''

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कर्माकर की जान लेने वाली बाघिन ‘चिप्पी' रॉयल बंगाल टाइगर प्रजाति की है जिसे दिबांग वैली जिले के अनीनी से एक अन्य बाघिन ‘इपरा' के साथ बचाया गया था. तब दोनों करीब आठ महीने की थीं. उन्हें 2013 में यहां चिड़ियाघर में रखा गया और तब से वे यहां हैं.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)