बेंगलुरु पुलिस दूसरी खुफिया एजेंसियों के आथ उन तीन इंजीनियर और उनके परिवार से पूछताछ कर रही है, जिन्हें तुर्की के अधिकारियों ने तुर्की-सीरिया सीमा पर हिरासत में लेकर वापस भारत भेज दिया। इन तीन इंजीनियर्स में से एक अब्दुल अहद की पत्नी और उसके पांच बच्चे भी शामिल हैं।
अहद चेन्नई का रहने वाला है और अमेरिका में पिछले 10 सालों से कंप्यूटर इंजीनियर के तौर पर काम कर रहा है। वहीं जावेद बाबा तेलंगाना के खम्माम का रहने वाला है, जबकि इब्राहिम नॉफल कर्नाटक के हासन का रहना वाला है।
नौ लोगों का यह दल टूरिस्ट वीज़ा पर दिसंबर की 24 तारिख को बेंगलुरु से इस्तांबुल पहुंचा था। तुर्की के अधिकारियों इन लोगों पर शक हुआ कि ये इराक़ और सीरिया में आईएसआईएस के साथ लड़ाई में शामिल होने जा रहे थे। इसके बाद अधिकारियों ने इन सभी को हिरासत में लेकर बेंगलुरु वापस निर्वासित कर दिया।
बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर एमएन रेड्डी ने बताया कि 30 दिसंबर को तुर्की से ये लोग बेंगलुरु के केंपगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे। खुफिया एजेंसियों ने इनके निर्वासन की जानकारी पुलिस को पहले ही दे रखी थी, इसलिए इन लोगों से पूछताछ की जा रही है, ताकि इनके तुर्की जाने का मक़सद साफ़ हो सके।
वहीं सिटी क्राइम ब्रांच के डीसीपी अभिषेक गोयल ने बताया कि इनमें से न तो किसी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और न ही इन्हें हिरासत में रखा गया है। सिर्फ पूछताछ चल रही है, जिसमें क्राइम ब्रांच के अलावा केंद्रीय एजेंसियां भी शामिल हैं।
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