
IS के चंगुल से छूटकर हैदराबाद लौटे लक्ष्मीकांत रामकृष्ण
बेंगलुरु:
लीबिया में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के चंगुल से छूटकर वापस अपने घर हैदराबाद पहुंचे एक व्यक्ति ने कहा कि उसके सभी साथी सुरक्षित हैं। लक्ष्मीकांत रामकृष्ण ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने कहा, 'आप चार लोगों का अपहरण गलती से हुआ है।'
लक्ष्मीकांत रामकृष्ण को पिछले हफ्ते उनके तीन साथियों के साथ लीबिया के सिर्टे शहर में किडनैप कर लिया गया था। सिर्टे शहर फिलहाल इस्लामिक स्टेट के कब्जे में है और रामकृष्ण व उनके एक साथियों को दो दिन बाद ही छोड़ दिया गया था। अन्य दो आतंकियों के कब्जे में ही हैं।
जैसे ही रामकृष्ण मंगलवार सुबह हैदराबाद एयरपोर्ट पर पहुंचे तो उन्होंने बताया कि उन्हें अपहरणकर्ताओं ने संदेश पहुंचाने के लिए कहा। रामकृष्ण ने कहा, 'उन्होंने हमें खूब डराया, अपहरणकर्ता हमारे ही 13-17 साल के छात्र थे। उनके बॉस यानी शेख ने कहा कि वे सब ठीक हैं और किसी तरह की चिंता की बात नहीं है।'
रामकृष्ण की पत्नी प्रतिभा लक्ष्मी ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'उन्होंने अपनी बेटी क्रुति को आज पहली बार देखा है। यह मेरी जिंदगी का सबसे खुशी भरा दिन है।'
लक्ष्मीकांत रामकृष्ण के पिता बोले, 'मेरे बेटे छोड़ दिया गया, क्योंकि अपहरण अपहरणकर्ताओं में से कुछ विश्वविद्यालय में पहले उनके छात्र थे और उन्होंने अपने टीचर को पहचान लिया। वे अपने टीचर्स का आदर करते हैं और इस ग्रुप को गलती से किडनैप कर लिया गया।'
रामकृष्ण ने कहा, दो भारतीय अब भी इस्लामिक इस्टेट के कब्जे में हैं और वे सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि आतंकियों ने उन्हें एक खास फोन नंबर दिया है, ताकि उन दो लोगों के बारे में समय-समय पर जानकारी ले सकूं।
लक्ष्मीकांत रामकृष्ण को पिछले हफ्ते उनके तीन साथियों के साथ लीबिया के सिर्टे शहर में किडनैप कर लिया गया था। सिर्टे शहर फिलहाल इस्लामिक स्टेट के कब्जे में है और रामकृष्ण व उनके एक साथियों को दो दिन बाद ही छोड़ दिया गया था। अन्य दो आतंकियों के कब्जे में ही हैं।
जैसे ही रामकृष्ण मंगलवार सुबह हैदराबाद एयरपोर्ट पर पहुंचे तो उन्होंने बताया कि उन्हें अपहरणकर्ताओं ने संदेश पहुंचाने के लिए कहा। रामकृष्ण ने कहा, 'उन्होंने हमें खूब डराया, अपहरणकर्ता हमारे ही 13-17 साल के छात्र थे। उनके बॉस यानी शेख ने कहा कि वे सब ठीक हैं और किसी तरह की चिंता की बात नहीं है।'
रामकृष्ण की पत्नी प्रतिभा लक्ष्मी ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'उन्होंने अपनी बेटी क्रुति को आज पहली बार देखा है। यह मेरी जिंदगी का सबसे खुशी भरा दिन है।'
लक्ष्मीकांत रामकृष्ण के पिता बोले, 'मेरे बेटे छोड़ दिया गया, क्योंकि अपहरण अपहरणकर्ताओं में से कुछ विश्वविद्यालय में पहले उनके छात्र थे और उन्होंने अपने टीचर को पहचान लिया। वे अपने टीचर्स का आदर करते हैं और इस ग्रुप को गलती से किडनैप कर लिया गया।'
रामकृष्ण ने कहा, दो भारतीय अब भी इस्लामिक इस्टेट के कब्जे में हैं और वे सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि आतंकियों ने उन्हें एक खास फोन नंबर दिया है, ताकि उन दो लोगों के बारे में समय-समय पर जानकारी ले सकूं।
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