नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट इस पहलू पर सुनवाई कर रहा है कि क्या कोर्ट दंगे या किसी और हिंसा के मामले में घटना के वक्त कानून व्यवस्था में खामी होने के कारण सरकार किसी धार्मिक स्थल की मरम्मत या पुर्ननिर्माण के लिए मुआवजा देने का आदेश दे सकती है?
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि अगर किसी घटना में किसी का घर क्षतिग्रस्त होता है तो उसे मुआवजा दिया जा सकता है, लेकिन धार्मिक स्थल की मरम्मत के लिए मुआवजा देने के आदेश सरकार किस नियम-कानून के तहत दे सकती है। सरकार किसी धार्मिक स्थल के निर्माण के वक्त सुरक्षा तो दे सकती है ताकि किसी तरह की बाधा न आए लेकिन निर्माण के लिए पैसा देने के आदेश कैसे दे सकती है, क्योंकि इसे लेकर कोई कानून नहीं है। पुराने वक्त में लोग खुद ही मिलकर पूजा स्थल बना लेते थे, यहां भी ऐसा हो सकता है।
गुजरात सरकार ने दलील दी कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है। सरकार लोगों के टैक्स का पैसा किसी धार्मिक स्थान के लिए नहीं लगा सकती। यह संविधान के खिलाफ है क्योंकि संविधान धार्मिक स्वतंत्रता तो देता है, लेकिन पूजा स्थल मौलिक अधिकारों में नहीं आता। वैसे भी ज्यादातर धार्मिक स्थल लोगों ने दोबारा बनवा लिए हैं।
एनजीओ आईआरसीजी ने कहा कि सरकार की चूक के कारण 2002 के दंगों में धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया। हाईकोर्ट ने मुआवजा देने के आदेश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट 2002 के गुजरात दंगों में क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों के पुर्ननिर्माण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है। मामले कि सुनवाई कल भी जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि अगर किसी घटना में किसी का घर क्षतिग्रस्त होता है तो उसे मुआवजा दिया जा सकता है, लेकिन धार्मिक स्थल की मरम्मत के लिए मुआवजा देने के आदेश सरकार किस नियम-कानून के तहत दे सकती है। सरकार किसी धार्मिक स्थल के निर्माण के वक्त सुरक्षा तो दे सकती है ताकि किसी तरह की बाधा न आए लेकिन निर्माण के लिए पैसा देने के आदेश कैसे दे सकती है, क्योंकि इसे लेकर कोई कानून नहीं है। पुराने वक्त में लोग खुद ही मिलकर पूजा स्थल बना लेते थे, यहां भी ऐसा हो सकता है।
गुजरात सरकार ने दलील दी कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है। सरकार लोगों के टैक्स का पैसा किसी धार्मिक स्थान के लिए नहीं लगा सकती। यह संविधान के खिलाफ है क्योंकि संविधान धार्मिक स्वतंत्रता तो देता है, लेकिन पूजा स्थल मौलिक अधिकारों में नहीं आता। वैसे भी ज्यादातर धार्मिक स्थल लोगों ने दोबारा बनवा लिए हैं।
एनजीओ आईआरसीजी ने कहा कि सरकार की चूक के कारण 2002 के दंगों में धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया। हाईकोर्ट ने मुआवजा देने के आदेश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट 2002 के गुजरात दंगों में क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों के पुर्ननिर्माण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है। मामले कि सुनवाई कल भी जारी रहेगी।
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