दुनिया भर में कोरोना प्रभावित देश जहां लोग लॉकडाउन की ओर बढ़ रहे हैं वहीं इससे यात्रियों के अभाव में एयरलाइंस एक बड़ी समस्या का सामना कर रही हैं. यात्रियों के बिना अब विमानों का क्या किया जाए? प्रयोग में नहीं लाए जा रहे विमानों को लेकर एयरलाइंस के आगे एक बड़ी समस्या है. आलम यह है कि टैक्सी पार्किंग और हवाई अड्डे के रनवे को विमानों की पार्किंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो हवाई यात्राओं के रद्द किए जाने के बाद अभी जो विमान जमीन पर हैं, उनकी संख्या पूरी दुनिया में 5,000 से ज्यादा जा चुकी है. पार्किंग में लगाए जा रहे विमानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जैसे-जैसे हवाई यात्रा रद्द होती जाएंगी विमानों के लिए पार्किंग की जगह की जरूरत भी बढ़ती जाएगी.
जर्मनी के फ्रैंकफर्ट स्थित सबसे बड़े हवाई अड्डे की बात की जाए तो यह शांत विमानों के सन्नाटे से पसरा हुआ,भुतहा शहर नजर आने लगा है. स्थिति यह है कि लैंडिंग रन और टैक्सी वे को विमानों की पार्किंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
ऐसा ही कुछ हांगकांग, सियोल और वियना में है. कैलिफोर्निया में भी यही हाल है.ऑस्ट्रेलिया में भी छोटे हवाई अड्डों को विमानों की पार्किंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
बता दें, भारत में फैल रहे कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच देश के 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पूरी तरह से लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है. इस फैसले 560 जिलों में पूरी तरह से बंदी लागू कर दी गई है. भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक करीब 500 मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार तक के आंकड़ों में यह संख्या सामने आई है.
पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामले अचानक बढ़ने के बाद अधिकारियों ने लगभग पूरे देश में लॉकडाउन (बंद) लागू कर दिया है जिसके तहत लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध हैं और सड़क, रेल एवं हवाई यातायात पर 31 मार्च तक रोक लगा दी गई है.
(एजेंसियों से इनपुट के साथ)
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