प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि "15 साल का विज़न डॉक्यूमेंट न सिर्फ अगले 15 साल बल्कि पूरी शताब्दी की नींव रखेगा। मैं प्रयोग करने की हिम्मत रखता हूं।" देश में विकास और सुरक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा देने के लिए तैयार होने वाले पंद्रह साल के विजन डॉक्यूमेंट पर एक अहम बैठक में प्रधानमंत्री ने यह बात कही।
दाल संकट का हल पहले क्यों नहीं सोचा
मौजूदा दाल संकट का हवाला देते हुए पीएम ने सवाल उठाया कि इसका हल निकालने के लिए पहले क्यों नहीं सोचा गया। बैठक में मौजूद नीति आयोग के सदस्य रमेश चांद ने कहा "प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने पहले यह क्यों नहीं सोचा कि दाल की मांग बढ़ेगी और संकट खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि हमें लांग-टर्म प्लानिंग करनी होगी।"
पंचवर्षीय योजना की जगह विजन डॉक्यूमेंट
पंचवर्षीय योजना की जगह तैयार हो रहे पंद्रह साल के विज़न डॉक्यूमेंट में आम लोगों की ज़िदगी बेहतर करने से लेकर जरूरतमंदों तक सब्सिडी पहुंचाने के लिए व्यवस्था की नींव रखने की बात है।
योजना तैयार करने की प्रक्रिया में आधारभूत बदलाव
जवाहर लाल नेहरू की पंचवर्षीय योजना की जगह अब एनडीए सरकार ने 15 साल के विज़न डॉक्यूमेंट लाने का फैसला किया है। तैयारी योजना तैयार करने की प्रक्रिया में आधारभूत बदलाव करने की है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने सरकार के इस फैसले पर कई सवाल खड़े किए हैं।
कांग्रेस ने कहा, 15 साल की तैयारी बेकार
कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा, "सरकार के कार्यकाल का दो साल से ज़्यादा का वक्त निकल चुका है। अब वह 15 साल का विज़न डॉक्यूमेंट तैयार कर रहे हैं। इसका कोई मतलब नहीं है। हर पांच साल में नई सरकार अपना नया पॉलिटिकल एजेंडा लेकर आती है। आप पंद्रह साल का एजेंडा कैसे तय कर सकते हैं।" जबकि समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा, "पंद्रह साल का विकास का एजेंडा तय करना बहुत मुश्किल होगा। यह व्यवहारिक नहीं है। किसी को नहीं पता कि अगले पंद्रह साल में अर्थव्यवस्था की हालत क्या होगी।"
दाल संकट का हल पहले क्यों नहीं सोचा
मौजूदा दाल संकट का हवाला देते हुए पीएम ने सवाल उठाया कि इसका हल निकालने के लिए पहले क्यों नहीं सोचा गया। बैठक में मौजूद नीति आयोग के सदस्य रमेश चांद ने कहा "प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने पहले यह क्यों नहीं सोचा कि दाल की मांग बढ़ेगी और संकट खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि हमें लांग-टर्म प्लानिंग करनी होगी।"
पंचवर्षीय योजना की जगह विजन डॉक्यूमेंट
पंचवर्षीय योजना की जगह तैयार हो रहे पंद्रह साल के विज़न डॉक्यूमेंट में आम लोगों की ज़िदगी बेहतर करने से लेकर जरूरतमंदों तक सब्सिडी पहुंचाने के लिए व्यवस्था की नींव रखने की बात है।
योजना तैयार करने की प्रक्रिया में आधारभूत बदलाव
जवाहर लाल नेहरू की पंचवर्षीय योजना की जगह अब एनडीए सरकार ने 15 साल के विज़न डॉक्यूमेंट लाने का फैसला किया है। तैयारी योजना तैयार करने की प्रक्रिया में आधारभूत बदलाव करने की है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने सरकार के इस फैसले पर कई सवाल खड़े किए हैं।
कांग्रेस ने कहा, 15 साल की तैयारी बेकार
कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा, "सरकार के कार्यकाल का दो साल से ज़्यादा का वक्त निकल चुका है। अब वह 15 साल का विज़न डॉक्यूमेंट तैयार कर रहे हैं। इसका कोई मतलब नहीं है। हर पांच साल में नई सरकार अपना नया पॉलिटिकल एजेंडा लेकर आती है। आप पंद्रह साल का एजेंडा कैसे तय कर सकते हैं।" जबकि समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा, "पंद्रह साल का विकास का एजेंडा तय करना बहुत मुश्किल होगा। यह व्यवहारिक नहीं है। किसी को नहीं पता कि अगले पंद्रह साल में अर्थव्यवस्था की हालत क्या होगी।"
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