प्रतीकात्मक तस्वीर
पणजी:
वास्को रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध परिस्थितियों में घूमते वक्त गिरफ्तार किया गया एक रिटायर्ड सेना अधिकारी का बेटा देशभर में पिछले कुछ वर्षों में हुए बम विस्फोटों की जानकारी जुटा रहा था। हालांकि अब तक हुई जांच के अनुसार पुलिस को ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है, जिससे पता चले कि उसके तार किसी आतंकी योजना से जुड़े थे।
ई मेल और दस्तावेजों को डीकोड करने में सफल रही पुलिस
आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने से कहा, 'पुलिस आरोपी समीर सरदाना के ई मेल और दस्तावेजों को डीकोड करने में सफल रही है और पाया है कि वह देश में विगत में हुए बम विस्फोटों के बारे में सूचना एकत्र कर रहा था।'
पासवर्ड बताने से इनकार कर रहा था समीर
अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि 44 वर्षीय चार्टर्ड एकाउंटेंट से पूछताछ कर रहे एटीएस और खुफिया ब्यूरो ने उसके लैपटॉप के पासवर्ड का पता लगा लिया है, जिसे वह पूछताछ में बताने से इनकार कर रहा था। उन्होंने कहा, 'हालांकि अब तक हुई जांच के अनुसार हमें उसके किसी आतंकी योजना से जुड़े होने के तार नहीं मिले हैं। लेकिन जांच जारी है।'
कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम कर चुका है समीर
अधिकारी ने बताया कि मुंबई में रहने वाला सरदाना एसेंचर जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए काम कर चुका है तथा हांगकांग, मलेशिया और सउदी अरब जैसी जगहों पर पदस्थ रह चुका है। पुलिस की जांच में यह भी पता चला है कि समीर सरदाना जन्म से हिन्दू है, लेकिन उसने इस्लाम अपना लिया है।
समीर के पास से मिले पांच लैपटॉप
समीर देहरादून में रहने वाले एक पूर्व सैन्यकर्मी का बेटा है और उसे एटीएस ने सोमवार को पकड़ा था। पुलिस को उसके पास से पांच लैपटॉप मिले, जिन्हें जांच के लिए साइबर क्राइल सेल भेज दिया गया था। सरदाना के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 41 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो ऐहतियातन गिरफ्तारी से संबंधित है।
शक होने पर पुलिस ने एहतियातन गिरफ्तार किया
पुलिस के अनुसार सरदाना यहां से 35 किलोमीटर दूर रेलवे की एक डॉर्मिटरी में 22 जनवरी से रह रहा था और अपने रहने की अवधि बार-बार बढ़ा रहा था। पुलिस ने कहा था कि वह रेलवे प्लेटफॉर्म पर लगातार बैठा दिखता और घंटों तक लैपटॉप पर व्यस्त रहता। इस पर पुलिस ने उससे पूछताछ की।
गौरतलब है कि बीती 13 जनवरी को राज्य सचिवालय को एक पत्र मिला था, जिसमें कथित तौर पर आईएसआईएस की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को मारने की धमकी दी गई थी। गोवा पुलिस तब से अलर्ट पर है।
ई मेल और दस्तावेजों को डीकोड करने में सफल रही पुलिस
आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने से कहा, 'पुलिस आरोपी समीर सरदाना के ई मेल और दस्तावेजों को डीकोड करने में सफल रही है और पाया है कि वह देश में विगत में हुए बम विस्फोटों के बारे में सूचना एकत्र कर रहा था।'
पासवर्ड बताने से इनकार कर रहा था समीर
अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि 44 वर्षीय चार्टर्ड एकाउंटेंट से पूछताछ कर रहे एटीएस और खुफिया ब्यूरो ने उसके लैपटॉप के पासवर्ड का पता लगा लिया है, जिसे वह पूछताछ में बताने से इनकार कर रहा था। उन्होंने कहा, 'हालांकि अब तक हुई जांच के अनुसार हमें उसके किसी आतंकी योजना से जुड़े होने के तार नहीं मिले हैं। लेकिन जांच जारी है।'
कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम कर चुका है समीर
अधिकारी ने बताया कि मुंबई में रहने वाला सरदाना एसेंचर जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए काम कर चुका है तथा हांगकांग, मलेशिया और सउदी अरब जैसी जगहों पर पदस्थ रह चुका है। पुलिस की जांच में यह भी पता चला है कि समीर सरदाना जन्म से हिन्दू है, लेकिन उसने इस्लाम अपना लिया है।
समीर के पास से मिले पांच लैपटॉप
समीर देहरादून में रहने वाले एक पूर्व सैन्यकर्मी का बेटा है और उसे एटीएस ने सोमवार को पकड़ा था। पुलिस को उसके पास से पांच लैपटॉप मिले, जिन्हें जांच के लिए साइबर क्राइल सेल भेज दिया गया था। सरदाना के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 41 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो ऐहतियातन गिरफ्तारी से संबंधित है।
शक होने पर पुलिस ने एहतियातन गिरफ्तार किया
पुलिस के अनुसार सरदाना यहां से 35 किलोमीटर दूर रेलवे की एक डॉर्मिटरी में 22 जनवरी से रह रहा था और अपने रहने की अवधि बार-बार बढ़ा रहा था। पुलिस ने कहा था कि वह रेलवे प्लेटफॉर्म पर लगातार बैठा दिखता और घंटों तक लैपटॉप पर व्यस्त रहता। इस पर पुलिस ने उससे पूछताछ की।
गौरतलब है कि बीती 13 जनवरी को राज्य सचिवालय को एक पत्र मिला था, जिसमें कथित तौर पर आईएसआईएस की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को मारने की धमकी दी गई थी। गोवा पुलिस तब से अलर्ट पर है।
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