2019 चुनावों में इस्तेमाल होंगी टेम्पर-डिटेक्ट वोटिंग मशीनें : जैदी

जैदी ने नई एम3 वोटिंग मशीनों में शामिल किए गए एक अन्य सुरक्षा फीचर सेल्फ डायग्नोसिस के बारे में भी बताया. इस फीचर से युक्त नई वोटिंग मशीनें खुद ब खुद सॉफ्टवेयर या सिस्टम में आई गड़बड़ी की पहचान कर लेंगी

2019 चुनावों में इस्तेमाल होंगी टेम्पर-डिटेक्ट वोटिंग मशीनें : जैदी

प्रतीकात्मक फोटो

खास बातें

  • बुधवार को सेवानिवृत्त हुए हैं नसीम जैदी
  • नई मशीनें छेड़छाड़ होने पर बंद हो जाएंगी
  • अगले साल सितंबर तक बन जाएंगी ये मशीनें
नई दिल्ली:

केंद्रीय निर्वाचन आयुक्त के पद से बुधवार को सेवानिवृत्त हुए नसीम जैदी ने कहा कि 2019 के आम चुनाव में ऐसी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) इस्तेमाल की जाएंगी, जो किसी भी तरह की छेड़छाड़ होने पर काम करना बंद कर देंगी. उन्होंने बताया कि अभी इन 'टेम्पर डिटेक्ट' एम3 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का निर्माण चल रहा है. जैदी ने 'मैं कहना चाहूंगा कि आयोग हमेशा से ईवीएम मशीनों की सुरक्षा कड़े करने से संबंधित सुझावों और उपायों का स्वागत करता रहा है. हमारी मशीनें नवीनतम प्रौद्योगिकी से लैस होती जा रही हैं. अभी हम तीसरी पीढ़ी की एम3 मशीनों का निर्माण कर रहे हैं, जिनमें कई सुरक्षा फीचर होंगे. आम आदमी की भाषा में वे टेंपर-डिटेक्ट होंगी . इसका मतलब है कि अगर आप उसके किसी हिस्से के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश करेंगे या कोई पेंच या बॉक्स खोलने की कोशिश करेंगे तो यह काम करना बंद कर देगी.' उन्होंने कहा, "2019 तक हमारे पास एम3 मशीनें होंगी."

इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) संयंत्रों में अगस्त से ही एम3 वोटिंग मशीनों का निर्माण शुरू है. ये एम3 वोटिंग मशीनें चरणबद्ध तरीके से मौजूदा वोटिंग मशीनों की जगह लेंगी. अगले साल सितंबर तक उपयुक्त संख्या में एम3 वोटिंग मशीनें निर्मित कर ली जाएंग.

बुधवार को अपना कार्यकाल पूरा कर चुके जैदी ने कहा कि इसके अलावा, 2019 तक सभी वोटिंग मशीनों के साथ वीवीपैट जोड़ दिया जाएगा. आयोग को वीवीपैट के लिए पहले ही धनराशि मिल चुकी है और आयोग ने इसकी खरीदारी का ऑर्डर भी दे दिया है. जैदी ने नई एम3 वोटिंग मशीनों में शामिल किए गए एक अन्य सुरक्षा फीचर सेल्फ डायग्नोसिस के बारे में भी बताया. इस फीचर से युक्त नई वोटिंग मशीनें खुद ब खुद सॉफ्टवेयर या सिस्टम में आई गड़बड़ी की पहचान कर लेंगी और मशीन पर लगे डिस्प्ले पर संबंधित जानकारी भी देंगी.

जैदी ने कहा, "तीसरा अहम सुरक्षा फीचर है डिजिटल सर्टिफिकेशन है. वोटिंग मशीन में लगी कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट का एकदूसरे के साथ संपर्क होगा. अगर कोई बाहर से मशीन में कंट्रोल यूनिट या बैलट यूनिट लगाने की कोशिश करेगा तो डिजिटल सिग्नेचर का मिलान नहीं हो पाएगा और सिस्टम काम करना बंद कर देगी."

उन्होंने आगे बताया, "वोटिंग मशीनों के परिचालन - उत्पादन, परिवहन, भंडारण, रख-रखाव और सुरक्षा - से संबंधित नियमों को और सख्त कर दिया गया है. वोटिंग मशीनों के परिवहन में इस्तेमाल होने वाले वाहनों में जीपीएस लगा होगा." जैदी ने कहा कि वीवीपैट के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए आयोग एक विशाल कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है और प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में एक निश्चित प्रतिशत तक वीवीपैट से निकले पेपर स्ट्रिप की भी गिनती की जाएगी. 

उन्होंने कहा, 'प्रत्याशियों को उस निर्वाचन क्षेत्र का नाम बताना होगा, जहां वह पेपर स्ट्रिप की गिनती कराना चाहता हो और ऐसा किया जाएगा. मेरे खयाल से इससे ईवीएम की सुरक्षा को लेकर उठा विवाद समाप्त हो जाएगा और विश्वसनीयता बहाल होगी.'
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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