मंत्रियों के शपथ समारोह का फाइल फोटो।
मुंबई:
महाराष्ट्र कैबिनेट का शुक्रवार को विस्तार हुआ 10 नए मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल हुए। एक राज्यमंत्री राम शिंदे को प्रमोशन मिला। विपक्ष का आरोप है कि इनमें से 5 मंत्री दागी हैं। इसके अलावा कुल मिलाकर लगभग एक दर्जन मंत्रियों पर विपक्ष भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहा है। उसकी मांग है कि सारे दागियों को हटाया जाए। बीजेपी का कहना है कि सारे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।
रवींद्र चव्हाण पर 12 आपराधिक मामले दर्ज
विपक्ष सबसे वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री पूर्व बीजेपी अध्यक्ष पांडुरंग फुंडकर, जो 3 दफा सांसद रह चुके हैं, को महाराष्ट्र स्टेट कोआपरेटिव बैंक घोटाले में घिरा बता रहा है। जयकुमार रावल पर अपने कंट्रोल वाले कोआपरेटिव बैंक से लोन देने में गड़बड़ी से लेकर पुलिस वाले पर हाथ उठाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। संभाजीराव पाटिल को लोन लेने में गड़बड़ी करने का आरोपी बता रहे हैं। जबकि राज्यमंत्री रवीन्द्र चव्हाण पर 12 आपराधिक मामले दर्ज होने की बात बता रहे हैं। शिवसेना के गुलाबराव पाटिल पर जालसाजी से जमीन अपने नाम ट्रांसफर कराने का आरोप है जिसमें उनकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है।
एक मंत्री महिने भर पहले ही जेल से छूटा
पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता सचिन अहिर ने कहा " नरेन्द्र मोदी जी ने स्वच्छ और पारदर्शी सरकार का आश्वासन लोगों को दिया था, पर अभी जो मंत्रिमंडल का गठन हुआ उसमें 5 से ज्यादा मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। उसमें से एक मंत्री ऐसा है जो महीने भर पहले जेल से छूटा है और इसी वजह से सरकार की छवि पर असर पड़ रहा है। अगर सरकार चलाने वाले कानून तोड़ेंगे तो जनता न्याय की उम्मीद किससे रखेगी।"
एनसीपी के लोगों का काम सिर्फ शोर मचाना
हालांकि बीजेपी का कहना है कि विपक्ष सिर्फ कैमरे के सामने शोर मचा रहा है। बीजेपी प्रवक्ता राम कदम ने कहा " पूरी जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। एनसीपी के लोगों का काम सिर्फ शोर मचाना है। पिछले डेढ़ साल से कांग्रेस-एनसीपी के लोग सिर्फ कैमरे के सामने शोर मचा रहे हैं।"
महाराष्ट्र में 42 मंत्रियों के कोटे में 39 भरे जा चुके हैं। उसमें से दर्जन भर मंत्रियों को कांग्रेस-एनसीपी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा बता रही है और साफ सुथरा प्रशासन देने के सरकार के दावों पर सवाल उठा रही है। इस चक्कर में सरकार में नंबर-2 की हैसियत रखने वाले एकनाथ खडसे अपनी कुर्सी तक गंवा चुके हैं। विपक्ष ने अपनी तलवार फिर भी ताने रखी है।
रवींद्र चव्हाण पर 12 आपराधिक मामले दर्ज
विपक्ष सबसे वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री पूर्व बीजेपी अध्यक्ष पांडुरंग फुंडकर, जो 3 दफा सांसद रह चुके हैं, को महाराष्ट्र स्टेट कोआपरेटिव बैंक घोटाले में घिरा बता रहा है। जयकुमार रावल पर अपने कंट्रोल वाले कोआपरेटिव बैंक से लोन देने में गड़बड़ी से लेकर पुलिस वाले पर हाथ उठाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। संभाजीराव पाटिल को लोन लेने में गड़बड़ी करने का आरोपी बता रहे हैं। जबकि राज्यमंत्री रवीन्द्र चव्हाण पर 12 आपराधिक मामले दर्ज होने की बात बता रहे हैं। शिवसेना के गुलाबराव पाटिल पर जालसाजी से जमीन अपने नाम ट्रांसफर कराने का आरोप है जिसमें उनकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है।
एक मंत्री महिने भर पहले ही जेल से छूटा
पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता सचिन अहिर ने कहा " नरेन्द्र मोदी जी ने स्वच्छ और पारदर्शी सरकार का आश्वासन लोगों को दिया था, पर अभी जो मंत्रिमंडल का गठन हुआ उसमें 5 से ज्यादा मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। उसमें से एक मंत्री ऐसा है जो महीने भर पहले जेल से छूटा है और इसी वजह से सरकार की छवि पर असर पड़ रहा है। अगर सरकार चलाने वाले कानून तोड़ेंगे तो जनता न्याय की उम्मीद किससे रखेगी।"
एनसीपी के लोगों का काम सिर्फ शोर मचाना
हालांकि बीजेपी का कहना है कि विपक्ष सिर्फ कैमरे के सामने शोर मचा रहा है। बीजेपी प्रवक्ता राम कदम ने कहा " पूरी जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। एनसीपी के लोगों का काम सिर्फ शोर मचाना है। पिछले डेढ़ साल से कांग्रेस-एनसीपी के लोग सिर्फ कैमरे के सामने शोर मचा रहे हैं।"
महाराष्ट्र में 42 मंत्रियों के कोटे में 39 भरे जा चुके हैं। उसमें से दर्जन भर मंत्रियों को कांग्रेस-एनसीपी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा बता रही है और साफ सुथरा प्रशासन देने के सरकार के दावों पर सवाल उठा रही है। इस चक्कर में सरकार में नंबर-2 की हैसियत रखने वाले एकनाथ खडसे अपनी कुर्सी तक गंवा चुके हैं। विपक्ष ने अपनी तलवार फिर भी ताने रखी है।
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