फोटो- गिरफ्तार जैश-ए-मोहम्मद कमांडर अब्दुल रहमान का आधार कार्ड
नई दिल्ली:
ऐसा दूसरी बार हुआ है कि किसी आतंकी के पास से आधार कार्ड मिला है। कश्मीर के बारामूला के हाजीबल से सेना और पुलिस के साझा अभियान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर अब्दुल रहमान जंगल से पकड़ा गया। अब्दुल रहमान के पास से जो आधार कार्ड बरामद हुआ है, उससे सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं।
आधार कार्ड में उसका पता जम्मू-कश्मीर लिखा हुआ है। आधार कार्ड में उसका नाम शब्बीर अहमद खान है और पिता का नाम गुलाम रसूल खान लिखा हुआ है। बरामद आधार कार्ड का नंबर 647856225315 है। अब्दुल रहमान पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद के गांव पोलास का रहने वाला है। रहमान इसी साल जनवरी में अपने चार साथियों के साथ पूंछ के रास्ते कश्मीर में घुसपैठ करने में कामयाब रहा था।
सेना के बारामूला इलाके के मेजर जनरल जीओसी जेएस जैन ने कहा कि रहमान पिछले दो महीने में सात बार बारामूला आया था और खुफिया जानकारी मिलने पर उस पर पहले से ही नजर रखी जा रही थी। इसने पीओके के बालाकोट में आतंकी शिविर में ट्रेनिंग ली थी। रहमान के पास से मिला आधार कार्ड असली है या फर्जी और ये कहां और कैसे बना इसकी जांच होगी। उसके पास से एक एके-47 और भारी मात्रा में गोला बारूद भी बरामद हुआ है। रहमान को बारामूला, सोपोर जैसे इलाके में जैश में नई भर्ती के लिए मॉड्यूल तैयार करने का जिम्मा सौपा गया था।
ये दूसरा आतंकी है जब सेना ने जैश के आतंकी को जिंदा पकड़ा है। इससे पहले इसी साल 26 फरवरी को सियालकोट के रहने वाले आतंकी सिद्दीक गुज्जर को पकड़ा था। उसके पास से भी आधार कार्ड मिला था। इसके बाद सवाल ये उठ रहा है कि पीओके के आतंकियों का भारत में यूनिक आईडी कैसे बनाया रहा है? जो सुरक्षा बलों के लिये खासा चिंता का विषय बन गया है।
आधार कार्ड में उसका पता जम्मू-कश्मीर लिखा हुआ है। आधार कार्ड में उसका नाम शब्बीर अहमद खान है और पिता का नाम गुलाम रसूल खान लिखा हुआ है। बरामद आधार कार्ड का नंबर 647856225315 है। अब्दुल रहमान पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद के गांव पोलास का रहने वाला है। रहमान इसी साल जनवरी में अपने चार साथियों के साथ पूंछ के रास्ते कश्मीर में घुसपैठ करने में कामयाब रहा था।
सेना के बारामूला इलाके के मेजर जनरल जीओसी जेएस जैन ने कहा कि रहमान पिछले दो महीने में सात बार बारामूला आया था और खुफिया जानकारी मिलने पर उस पर पहले से ही नजर रखी जा रही थी। इसने पीओके के बालाकोट में आतंकी शिविर में ट्रेनिंग ली थी। रहमान के पास से मिला आधार कार्ड असली है या फर्जी और ये कहां और कैसे बना इसकी जांच होगी। उसके पास से एक एके-47 और भारी मात्रा में गोला बारूद भी बरामद हुआ है। रहमान को बारामूला, सोपोर जैसे इलाके में जैश में नई भर्ती के लिए मॉड्यूल तैयार करने का जिम्मा सौपा गया था।
ये दूसरा आतंकी है जब सेना ने जैश के आतंकी को जिंदा पकड़ा है। इससे पहले इसी साल 26 फरवरी को सियालकोट के रहने वाले आतंकी सिद्दीक गुज्जर को पकड़ा था। उसके पास से भी आधार कार्ड मिला था। इसके बाद सवाल ये उठ रहा है कि पीओके के आतंकियों का भारत में यूनिक आईडी कैसे बनाया रहा है? जो सुरक्षा बलों के लिये खासा चिंता का विषय बन गया है।
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