सुशांत सिंह राजपूत मामले में एक्टर के पिता केके सिंह की ओर से गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल कराया गया है. एक्टर के पिता ने अपने लिखित जवाब में रिया चक्रवर्ती और महाराष्ट्र सरकार के एफआईआर के विरोध को आधारहीन बताया है. उन्होंने अपने जवाब में कहा है कि 'महाराष्ट्र सरकार ने अभी तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं किया है. बिहार पुलिस का अधिकार क्षेत्र इस मामले में जांच का है और बिहार पुलिस ने ही इस मामले में सबसे पहले एफआईआर दर्ज की है.' उन्होंने कहा है कि जांच में पटना पुलिस का क्षेत्राधिकार है और जांच पूरी होने के बाद ही क्षेत्राधिकार का सवाल उठाया जा सकता है. बता दें कि इसके पहले गुरुवार को ही बिहार सरकार और रिया चक्रवर्ती की ओर से भी लिखित जवाब दाखिल कराए गए हैं.
केके सिंह ने कोर्ट को अपने जवाब में बताया कि 'मुंबई पुलिस ने 19 फरवरी और 25 फरवरी को परिवार द्वारा भेजे गए व्हाट्सऐप संदेशों की जांच नहीं की है, इस बात पर ध्यान दिया कि कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं की गई और इस प्रकार मुंबई पुलिस द्वारा उस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. मुंबई पुलिस की जांच पूरी तरह से संदिग्ध थी क्योंकि एक जांच रिपोर्ट आगे पेश की जानी थी और यहां तक कि अगर यह माना जाए कि पुलिस मामले में प्रारंभिक जांच कर रही थी, तो उक्त जांच सात दिनों से अधिक समय तक जारी नहीं रह सकती थी.'
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इसमें कहा गया है कि 'पटना पुलिस पर प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार क्षेत्र है क्योंकि पटना में हुई कार्रवाई का हिस्सा सुशांत सिंह राजपूत के जीवनकाल के दौरान हुआ था. पटना से टेलीफोन पर उनसे बात करने के पिता के प्रयास को आरोपी व्यक्तियों द्वारा विफल कर दिया गया था. उन्हें सुशांत से बात नहीं करने दिया गया जिससे कि उनके बेटे की जान बच सकती थी.'
केके सिंह ने कहा कि रिया की याचिका केस सीबीआई को ट्रांसफर होने के बाद अब कोई उद्देश्य पूरा नहीं करती. सुशांत के पिता ने सीबीआई जांच को सही करार देते हुए कहा है कि 'रिया तो खुद अपनी याचिका में सीबीआई जांच चाहती थी.' उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस ने इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नही की है और उन्हें मुंबई पुलिस की जांच पर भरोसा नही है. उन्होंने सवाल किया है कि 'मुंबई में इस मामले अभी तक कोई एफआईआर दर्ज या गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?' उन्होंने कहा कि 'बिहार में एफआईआर दर्ज करने का अधिकार क्षेत्र है. सीबीआई जांच की सिफारिश करने का बिहार सरकार को अधिकार है. जांच के स्तर पर क्षेत्राधिकार पर विचार नहीं किया जाना चाहिए.'
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उन्होंने आरोप लगाए हैं कि 'मुंबई पुलिस ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की और मुंबई पुलिस बिहार पुलिस का सहयोग नहीं कर रही है. वहीं उसने बिहार पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया.' उन्होंने बिहार के आईपीएस अधिकारी को 'जबरन क्वारंटीन' किए जाने का भी जिक्र किया गया.
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