प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली :
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय की कानून की परीक्षा के चौथे सेमेस्टर में शामिल होने और उपस्थिति में छूट के लिय दूसरे वर्ष की एक छात्रा की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा जो गर्भवती होने के कारण नियमित रूप से कक्षा में नहीं आ सकी.
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया गया. इस पर पीठ ने कहा कि याचिका पर कल सुनवाई की जायेगी. दिल्ली हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश की पीठ ने हाल ही में छात्रा अंकिता मीणा को उपस्थिति में किसी प्रकार की छूट देने से इंकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि भले ही एलएलबी पाठ्यक्रम के चौथे सेमेस्टर के क्लास में शामिल नहीं होने की वजह न्यायोचित हो परंतु बार काउन्सिल आफ इंडिया के कानून की शिक्षा के नियमों के प्रावधानों और पहले के फैसलों को देखते हुये उसे राहत नहीं दी जा सकती.
इस छात्रा ने दिल्ली विश्वविद्यालय को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि उसे 16 मई से शुरू हुई एलएलबी के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होने दिया जाए. एकल पीठ के फैसले के खिलाफ इस छात्रा ने खंडपीठ से अनुरोध किया जिसने कल इस याचिका पर दिल्ली विश्वविद्यालय से जवाब मांगा था.
(इनपुट : भाषा)
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया गया. इस पर पीठ ने कहा कि याचिका पर कल सुनवाई की जायेगी. दिल्ली हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश की पीठ ने हाल ही में छात्रा अंकिता मीणा को उपस्थिति में किसी प्रकार की छूट देने से इंकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि भले ही एलएलबी पाठ्यक्रम के चौथे सेमेस्टर के क्लास में शामिल नहीं होने की वजह न्यायोचित हो परंतु बार काउन्सिल आफ इंडिया के कानून की शिक्षा के नियमों के प्रावधानों और पहले के फैसलों को देखते हुये उसे राहत नहीं दी जा सकती.
इस छात्रा ने दिल्ली विश्वविद्यालय को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि उसे 16 मई से शुरू हुई एलएलबी के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होने दिया जाए. एकल पीठ के फैसले के खिलाफ इस छात्रा ने खंडपीठ से अनुरोध किया जिसने कल इस याचिका पर दिल्ली विश्वविद्यालय से जवाब मांगा था.
(इनपुट : भाषा)
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