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This Article is From Jul 13, 2017

असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल को सुप्रीम कोर्ट से पड़ी फटकार

असम के मुख्यमंत्री सर्बांनंद सोनोवाल ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़न को समय से पहले सार्वजनिक करने की घोषणा करते हुए कहा था कि यह 31 मार्च, 2018 की जगह 31 दिसंबर, 2017 तक आ जाएगा.

असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल को सुप्रीम कोर्ट से पड़ी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जब नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़न मामले की निगरानी खुद सुप्रीम कोर्ट कर रहा है, तो सीएम का दखल सही नहीं है...
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़न मामले में सोनोवाल के बयान पर नाराज़गी जताई SC ने
असम के CM ने कहा था, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़न समय से पहले आ जाएगा
SC ने कहा, जब मामले की निगरानी कोर्ट कर रहा है, तो CM का दखल सही नहीं
नई दिल्ली: देश के सुप्रीम कोर्ट ने असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़न बनाने के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री सर्बांनंद सोनोवाल के बयान देने पर नाराज़गी जताते हुए साफ कहा कि जब मामले की निगरानी खुद सुप्रीम कोर्ट कर रहा है, तो किसी भी अन्य अथॉरिटी का दखल देना उचित नहीं है.

दरअसल, असम के मुख्यमंत्री सर्बांनंद सोनोवाल ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़न को समय से पहले सार्वजनिक करने की घोषणा करते हुए कहा था कि यह 31 मार्च, 2018 की जगह 31 दिसंबर, 2017 तक आ जाएगा.

गौरतलब है कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़न सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बनाया जा रहा है, सो, कोर्ट ने कहा कि जब मामले की निगरानी खुद सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तो किसी भी दूसरी अथॉरिटी का मामले में दखल सही नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिज़न बनाने के लिए पहले भी एक समयसीमा तय करने को कह चुका है. दरअसल, याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत की एकता और संप्रभुता इसलिए भी खतरे में पड़ गई हैं, क्योंकि पड़ोसी देश से बड़ी तादाद में अवैध आव्रजक आ रहे हैं, जो हमारे प्रमुख संवैधानिक मूल्यों को प्रभावित कर रहे हैं.

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