विज्ञापन
This Article is From Jul 13, 2018

सोशल मीडिया कम्युनिकेशन हब गठित करने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से दो हफ्ते में मांगा जवाब

उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया हब पर केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली तृणमूल विधायक महुआ मोइत्रा की याचिका पर अटॉर्नी जनरल से सहायता मांगी.

सोशल मीडिया कम्युनिकेशन हब गठित करने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से दो हफ्ते में मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया कम्युनिकेशन हब स्थापित करने के सरकार के फैसले के खिलाफ तृणमूल विधायक की याचिका पर केंद्र से दो हफ्ते में जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने एजी केके वेणुगोपाल को कहा कि इस मामले में वह अदालत की सहायता करें. 

WhatsApp पर फॉरवर्ड किए गए मैसेज को पहचानना हुआ आसान

याचिकाकर्ता तृणमूल कांग्रेस की विधायक महुआ मोइत्रा का कहना है कि सोशल मीडिया की निगरानी के लिए केंद्र यह कार्यवाही कर रहा है. इसके बाद ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम व ईमेल में मौजूद हर डेटा तक केंद्र की पहुंच हो जाएगी. निजता के अधिकार का यह सरासर उल्लंघन है. इससे हर व्यक्ति की निजी जानकारी को भी सरकार खंगाल सकेगी. इससे जिला स्तर तक सरकार डेटा को खंगाल सकेगी.

गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय मंत्रालय के तहत काम करने वाले पीएसयू ब्रॉडकास्ट कंसल्टेंट इंडिया लि. (बीईसीआइएल) ने एक टेंडर जारी किया है. इसमें एक सॉफ्टवेयर की आपूर्ति के लिए निविदाएं मांगी गई हैं. सरकार इसके तहत सोशल मीडिया के माध्यम से सूचनाओं को एकत्र करेगी. अनुबंध के आधार पर जिला स्तर पर काम करने वाले मीडिया कर्मियों के जरिए सरकार सोशल मीडिया की सूचनाओं को एकत्र करके देखेगी कि सरकारी योजनाओं पर लोगों का क्या रुख है.

इस वजह से ट्विटर ने किए 7 करोड़ फर्जी खाते बंद, आगे लिया जाएगा ये एक्शन

साथ ही समाचारों का रुझान किस तरफ है. लोग सरकार के फैसलों से कितना प्रभावित हो रहे हैं. वहीं, सरकार का तर्क है कि इससे उसे असली फीडबैक मिलेगा और फिर वह योजनाओं में तब्दीली करके उन्हें और ज्यादा जन उपयोगी बनाने का काम कर सकेगी.

VIDEO: रणनीति इंट्रो: सोशल मीडिया पर लगाम ज़रूरी?

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com