सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री फिर सवालों के घेरे में है. मामले में वरिष्ठ पत्रकार एन राम, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण की याचिका को रजिस्ट्री ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच में लिस्ट कर दिया है जबकि ऐसे मामले की सुनवाई जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों का कहना है कि ये स्थापित नियमों के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
वरिष्ठ पत्रकार एन राम, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में अदालत की अवमानना के प्रावधान को चुनौती दी है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अधिनियम असंवैधानिक है और संविधान की मूल संरचना के खिलाफ है.
कहा गया है कि ये संविधान द्वारा प्रदत्त बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और समानता की स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है. याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत अदालत की अवमानना अधिनियम 1971 के कुछ प्रावधानों को रद्द कर दे.
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