उबर टैक्सी रेप केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी ड्राइवर शिव कुमार यादव पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आरोपी की मांग पर गवाहों को दोबारा बुलाने के मामले में कानून बनाएगा।
कोर्ट ने कहा कि आरोपी को हाईकोर्ट से राहत मिली है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह ट्रायल में देरी कराए। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का सारा रिकॉर्ड तलब किया है और 22 अप्रैल को सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है।
सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि उन्होंने भी इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने की मांग की और कागजात ट्रांसलेट करने के लिए चार हफ्तों का वक्त मांगा, लेकिन कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए सारे कागजात सरकार को तीन दिन में सौंपने को कहा है। सरकार को यह रिपोर्ट एक हफ्ते के भीतर सौंपने के निर्देश भी दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट उबर टैक्सी रेप केस में दिल्ली पुलिस और पीड़िता की अर्जी पर सुनवाई कर रहा है। 4 मार्च को कोर्ट ने ट्रायल पर अंतरिम रोक लगा दी थी और आरोपी टैक्सी ड्राइवर शिव कुमार यादव और दिल्ली पुलिस से दो हफ्ते में जवाब मांगा था। साथ ही कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर भी रोक लगा दी थी, जिसमें तीस हजारी कोर्ट को पीड़िता समेत 13 लोगों की फिर से गवाही के आदेश दिए गए थे।
इस बीच दिल्ली पुलिस ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि पीड़िता के दोबारा बयान नहीं होने चाहिए। पुलिस की ये भी दलील थी कि 16 दिसंबर के गैंगरेप के बाद देश में कानून में बदलाव किया गया और अगर पीड़िता के दोबारा बयान होते हैं तो सारी कवायद बेकार हो जाएगी।
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