प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
जेपी इंफ्राटेक में अपने घर बुक कराने वाले खरीददारों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 4 सितंबर को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट में कई और फ्लैट खरीदारों ने याचिका दाखिल की. इस मामले में याचिकाकर्ता खरीददारों ने आरोप लगाया है कि बिना गारंटी वाले देनदार की वजह से न तो घर मिलेगा और न ही धन वापस मिलेगा. मामले में 24 फ्लैट मालिकों की ओर गुरुवार को कोर्ट में कहा गया कि जेपी इंफ्राटेक की 27 रेजिडेंशियल स्कीम में करीब 32 हजार खरीददारों ने फ्लैट बुक किए हैं, लेकिन कंपनी के खिलाफ दिवालिया कानून के तहत कार्रवाई शुरू की गई है और इस तरह उनका पैसा डूबने की कगार पर पहुंच गया है.
पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, राइट टू प्राइवेसी मौलिक अधिकारों का हिस्सा है
मौजूदा दिवालिया कानून के तहत जब प्रक्रिया शुरू होगी तो पहले उन देनदारों का आर्थिक हित प्रोटेक्ट किया जाएगा जो गारंटी वाले देनदार हैं, लेकिन फ्लैट खरीददार तो बिना गारंटी वाले देनदार हैं और उन्हें कानून के तहत कुछ भी नहीं मिलने वाला है.
अगर दिवालिया कानून के तहत मामला पेंडिंग हो तो उपभोक्ता अदालत के फैसले के बावजूद उसे लागू नहीं किया जा सकेगा. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि खरीददारों के हितों को सुरक्षित किया जाए. फ्लैट खरीदारों ने इलाहाबाद स्थित नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक की मांग की है. ट्रिब्यूनल ने जेपी बिल्डर को दिवालिया घोषित प्रक्रिया शुरू की थी.
VIDEO: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
याचिकाकर्ता एनआरआई का कहना है कि वह केंद्र सरकार के कहे के मुताबिक- इतनी जल्दी क्लेम फॉर्म जमा नहीं कर सकते. केंद्र ने 25 अगस्त तक क्लेम फॉर्म जमा करने को कहा है. दरअसल जेपी इन्फ्राटेक के खिलाफ दिवालिया व ऋण शोधन अक्षमता कानून के तहत कार्रवाई चल रही है.
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मौजूदा दिवालिया कानून के तहत जब प्रक्रिया शुरू होगी तो पहले उन देनदारों का आर्थिक हित प्रोटेक्ट किया जाएगा जो गारंटी वाले देनदार हैं, लेकिन फ्लैट खरीददार तो बिना गारंटी वाले देनदार हैं और उन्हें कानून के तहत कुछ भी नहीं मिलने वाला है.
अगर दिवालिया कानून के तहत मामला पेंडिंग हो तो उपभोक्ता अदालत के फैसले के बावजूद उसे लागू नहीं किया जा सकेगा. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि खरीददारों के हितों को सुरक्षित किया जाए. फ्लैट खरीदारों ने इलाहाबाद स्थित नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक की मांग की है. ट्रिब्यूनल ने जेपी बिल्डर को दिवालिया घोषित प्रक्रिया शुरू की थी.
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याचिकाकर्ता एनआरआई का कहना है कि वह केंद्र सरकार के कहे के मुताबिक- इतनी जल्दी क्लेम फॉर्म जमा नहीं कर सकते. केंद्र ने 25 अगस्त तक क्लेम फॉर्म जमा करने को कहा है. दरअसल जेपी इन्फ्राटेक के खिलाफ दिवालिया व ऋण शोधन अक्षमता कानून के तहत कार्रवाई चल रही है.
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