नई दिल्ली:
नोएडा के सुपरटेक एमरेल्ड कोर्ट के दो टावरों की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अहम सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा है कि जो फ्लैट खरीदार अपना पैसा वापस चाहते हैं, उन्हें 14 फीसदी ब्याज के साथ रकम वापस मिलेगी. सुप्रीम कोर्ट ने एमिकस गौरव अग्रवाल को पोर्टल बनाने के आदेश दिए, ताकि सारे खरीदार वेबसाइट पर अपना ब्योरा डाल सकें. इस मामले में अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी. सुप्रीम कोर्ट में सुपरटेक 20 करोड़ रुपये जमा करा चुका है. इसमें से कई लोगों को पैसे वापस मिल चुके हैं. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को 18 सितंबर तक 10 करोड रुपये और रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए थे. इस रुपये से निवेशकों को मूलधन वापस होगा.
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सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि बिल्डरों की ये रणनीति होती है कि निवेशकों को जल्द पैसा वापस ना लौटाए क्योंकि वो समझते हैं कि सारे निवेशक सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल नहीं करेंगे. दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इन दोनों टावरों को अवैध बताते हुए गिराने का आदेश दिया था. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था.
VIDEO : खरीदारों को पैसे लौटाए सुपरटेक : सुप्रीम कोर्ट
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक की अपील पर सुनवाई करते हुए नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) को टावरों पर रिपोर्ट देने को कहा था. रिपोर्ट में कहा गया कि दोनों टावरों के बीच नियम के तहत दूरी नहीं है.
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सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि बिल्डरों की ये रणनीति होती है कि निवेशकों को जल्द पैसा वापस ना लौटाए क्योंकि वो समझते हैं कि सारे निवेशक सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल नहीं करेंगे. दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इन दोनों टावरों को अवैध बताते हुए गिराने का आदेश दिया था. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था.
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इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक की अपील पर सुनवाई करते हुए नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) को टावरों पर रिपोर्ट देने को कहा था. रिपोर्ट में कहा गया कि दोनों टावरों के बीच नियम के तहत दूरी नहीं है.