विज्ञापन
This Article is From Jun 25, 2015

सुप्रीम कोर्ट ने कबूतरबाजी रोकने के लिए बनाए गए एक्ट में दखल से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने कबूतरबाजी रोकने के लिए बनाए गए एक्ट में दखल से किया इनकार
फाइल फोटो
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में कबूतरबाजी यानी मानव तस्करी रोकने के लिए बनाए गए एक्ट में दखल देने से किया इनकार किया है। कोर्ट ने कहा है कि पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल्स रेगुलेशन एक्ट 2012 में कोई खराबी नहीं दिखती। न ही कोई ऐसा प्रावधान है, जिसे पूरा करने में कोई परेशानी हो।

सब जानते हैं कि इस बिजनेस में कितना मुनाफा है इसलिए लाइसेंस फीस में एक लाख की राशि भी जायज लगती है। बाकी नियम मानव तस्करी रोकने के लिए जरूरी हैं और जेनुअन ट्रैवल एजेंसी को सुनिश्चत करने के लिए है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ता चाहें तो हाईकोर्ट जा सकते हैं। पंजाब के नए नियम के मुताबिक, 30 जून तक सभी एजेंट्स को पंजीकरण कराना है।

इसके तहत सरकार ने एजेंटस के लिए लाइसेंस फीस से लेकर, दफ्तर, एजेंट्स के रिहायशी प्रूफ के अलावा आपराधिक रिकॉर्ड न होने जैसी शर्तें लगाई हैं।

इसी के विरोध में कुछ एजेंट सुप्रीम कोर्ट आए थे। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में उनका कहना था कि ये एक्ट संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार का हनन करता है, लेकिन जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि जितने भी नियम एक्ट में बनाए गए हैं उनमें ऐसा कोई कड़ा प्रावधान नहीं दिखता, जिससे किसी के अधिकार प्रभावित होते हों, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल नहीं देगा।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
ओडिशा: वेदांता ग्रुप की रिफाइनरी का बांध टूटने से भारी नुकसान, फसलें हुईं तबाह, कंपनी ने दी सफाई
सुप्रीम कोर्ट ने कबूतरबाजी रोकने के लिए बनाए गए एक्ट में दखल से किया इनकार
भाई जरा देख कर चलो! दिल्ली में पैदल चलना मतलब मौत को दावत, डरा रही है ये रिपोर्ट
Next Article
भाई जरा देख कर चलो! दिल्ली में पैदल चलना मतलब मौत को दावत, डरा रही है ये रिपोर्ट
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com