सुप्रीम कोर्ट आज राजीव गांधी हत्याकांड के तीन दोषियों मुरुगन, सांथन और पेरारिवालन की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने पर फैसला सुना सकता है।
तीनों दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदली जा सकती है, क्योंकि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि दया याचिकाओं को बहुत ज्यादा वक्त तक लंबित रखा जाता है तो फांसी को उम्रकैद में बदला जा सकता है।
राजीव गांधी हत्याकांड में 1998 में 26 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन जब ये मामले सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे तो फांसी की सजा सिर्फ चार दोषियों के लिए बरकरार रखी गई थी, जिनमें नलिनी, मुरुगन सांथन और पेरारिवालन शामिल थे।
इस मामले में नलिनी की फांसी की सजा को पहले ही उम्रकैद में बदला जा चुका है। तमिलनाडु के गवर्नर ने यह फैसला राज्य सरकार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अपील पर किया था, जबकि बाकी तीन लोगों की दया याचिका को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के कार्यकाल में खारिज किया जा चुका है।
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