सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या रिलायंस जियो आरकॉम के AGR बकाया के भुगतान के लिए उत्तरदायी?

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह AGR बकाया की वसूली के लिए कोर्ट के किसी भी निर्णय का समर्थन करेगी

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या रिलायंस जियो आरकॉम के AGR बकाया के भुगतान के लिए उत्तरदायी?

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

समायोजित सकल राजस्व यानी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या रिलायंस जियो को आरकॉम से स्पेक्ट्रम साझा करने पर राजस्व अर्जित करने पर देय के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से आरकॉम के AGR बकाया वसूलने पर अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए कहा है. सरकार ने कोर्ट को बताया  है कि वह AGR बकाया की वसूली के लिए कोर्ट के किसी भी निर्णय का समर्थन करेगी.

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया था कि रिलायंस जियो, जो स्पेक्ट्रम साझाकरण समझौते के तहत आरकॉम के स्पेक्ट्रम का उपयोग कर रहा है, को आरकॉम के एजीआर बकाया का भुगतान नहीं करना चाहिए?  यह मुद्दा तब उठाया गया था जब कोर्ट इस सवाल पर टेलीकॉम सुनवाई कर रहा था कि क्या स्पेक्ट्रम को IBC- इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड की कार्यवाही के तहत बेचा जा सकता है.

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हरीश साल्वे ने जियो की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया कि Jio किसी IBC कार्यवाही में शामिल नहीं है और आरकॉम स्पेक्ट्रम प्राप्त नहीं कर रहा है. दूरसंचार विभाग ने अदालत को बताया कि राष्ट्र के स्वामित्व वाले स्पैक्ट्रेम को बेचा नहीं जा सकता. स्पेक्ट्रम IBC कार्यवाही के अधीन नहीं किया जा सकता है. टेलिकॉम के पास स्पेक्ट्रम नहीं है, अनुबंध केवल इसके उपयोग की अनुमति देता है.