गुरुग्राम जमीन अधिग्रहण को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सीबीआई ने कोर्ट से इस पूरे मामले को लेकर अपना जवाब दाखिल करने के लिए छह हफ्ते का समय मांगा. जिसे बाद में कोर्ट ने मंजूर कर दिया. बता दें कि इस मामले को लेकर हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुग्राम जमीन अधिग्रहण मामले में सीबीआई को जमकर फटकार लगाई थी. कोर्ट ने जांच एजेंसी को आदेश देते हुए कहा कि जिम्मेदार अधिकारी द्वारा इस मामले में एक बार फिर से शपथ पत्र दायर किया जाए.साथ ही कोर्ट ने कहा कि सीबीआई बताए कि इस मामले की जांच रिपोर्ट कोर्ट में कब तक जमा की जाएगी.
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बता दें कि जमीन का अधिग्रहण तत्कालीन कांग्रेस के हुड्डा सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2009 में किया गया था. आरोप है कि 1300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसमें से हूडा के पास सिर्फ 87 एकड़ जमीन है. बाकी जमीन बिल्डर्स और कॉलोनाइजर्स को दी गई. सीबीआई ने इस मामले में 23 जनवरी, 2019 को पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुडा और 15 लैंड डेवलपर्स (बिल्डर) के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किया था. इसमें कुछ अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था।
वहीं, किसानों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दलील दी गई कि जिस तरीके से मानेसर में अधिग्रहण के नाम पर घोटाला किया गया था, यह घोटाला भी उसी तर्ज पर किया गया. उसकी जांच भी सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंपी थी, लिहाजा इसकी जांच भी कराई जाएगी.
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