इलाहाबाद:
छात्र-छात्राओं के हंगामे के बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है, साथ ही हालात को काबू में करने के लिए यूनिवर्सिटी कैंपस में स्थानीय पुलिस के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स और पीएससी के जवानों को तैनात किया गया है। गुरुवार के उपद्रव के बाद रात में कई हॉस्टल में छापे भी मारे गए। पूरे मामले में 500 अज्ञात छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हंगामे के बाद पुलिस की कार्रवाई में कई छात्र घायल हुए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गौरतलब है कि गुरुवार को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों और पुलिस में जमकर हिंसक झड़प हुई। यहां के छात्र गर्मी की छुट्टी के दौरान यूनिवर्सिटी का हॉस्टल छोड़ने को तैयार नहीं हैं, जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन्हें हॉस्टल खाली करने का सर्कुलर जारी किया है। इसके विरोध में गुरुवार को यूनिवर्सिटी के करीब एक हजार छात्रों ने जमकर हंगामा किया, जिन्हें काबू में करने के लिए मौके पर पुलिस पहुंची।
इसके बाद छात्रों ने पथराव शुरू कर दिया और छह गाड़ियों में आग लगा दी, जिसमें से एक यात्री कार और एक एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की भी कार थी। इन छात्रों ने यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में भी आग लगा दी।
इसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठियां बरसाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े। छात्रों का आरोप है कि उनके आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस ने लड़कियों के साथ भी मारपीट की, जिसके बाद माहौल बिगड़ गया। हंगामे के बाद पूरी रात यहां के छात्र-छात्राओं ने वाइस चांसलर के घर पर धरना दिया।
इस हंगामे में राज्य की सत्ताधारी पार्टी सपा का युवा नेता अभिषेक यादव भी शामिल है। अभिषेक यादव ने ही पिछले साल नवंबर में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को काला झंडा दिखाया था, जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने उसकी जमकर पिटाई की थी। अभिषक यादव को यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का समर्थन हासिल है, लिहाजा स्थानीय प्रशासन इस पूरे मामले में फूंक- फूंक कर कदम रख रहा है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में करीब 5,000 छात्र रहते हैं।
गौरतलब है कि गुरुवार को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों और पुलिस में जमकर हिंसक झड़प हुई। यहां के छात्र गर्मी की छुट्टी के दौरान यूनिवर्सिटी का हॉस्टल छोड़ने को तैयार नहीं हैं, जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन्हें हॉस्टल खाली करने का सर्कुलर जारी किया है। इसके विरोध में गुरुवार को यूनिवर्सिटी के करीब एक हजार छात्रों ने जमकर हंगामा किया, जिन्हें काबू में करने के लिए मौके पर पुलिस पहुंची।
इसके बाद छात्रों ने पथराव शुरू कर दिया और छह गाड़ियों में आग लगा दी, जिसमें से एक यात्री कार और एक एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की भी कार थी। इन छात्रों ने यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में भी आग लगा दी।
इसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठियां बरसाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े। छात्रों का आरोप है कि उनके आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस ने लड़कियों के साथ भी मारपीट की, जिसके बाद माहौल बिगड़ गया। हंगामे के बाद पूरी रात यहां के छात्र-छात्राओं ने वाइस चांसलर के घर पर धरना दिया।
इस हंगामे में राज्य की सत्ताधारी पार्टी सपा का युवा नेता अभिषेक यादव भी शामिल है। अभिषेक यादव ने ही पिछले साल नवंबर में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को काला झंडा दिखाया था, जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने उसकी जमकर पिटाई की थी। अभिषक यादव को यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का समर्थन हासिल है, लिहाजा स्थानीय प्रशासन इस पूरे मामले में फूंक- फूंक कर कदम रख रहा है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में करीब 5,000 छात्र रहते हैं।
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