कृषि कानूनों के वापस लौटने पर पूर्व सेनाध्यक्ष व राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने पीएम मोदी के भाषण का हवाला देते हुए कहा है कि अगर किसान की खुशहाली देखने का किसी ने प्रयास किया है तो वह नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया है. वीके सिंह ने कहा कि यह कानून किसानों के फायदे के लिए था. खासकर छोटे किसानों के लिए, पर राजनीति इसमें बहुत ज्यादा हुई. लगा कि किसान नहीं समझ पा रहे हैं तो पीएम मोदी ने यह कानून वापस ले लिया . ओवैसी को लेकर पूर्व सेनाध्यक्ष ने कहा कि ओवैसी साहब खेती नहीं करते, जो खेती नहीं करता, वह खेती समझता भी नहीं. स्वामी नाथन की कमेटी का जो रिकमेंडेशन है, उसको हमने लागू कर दिया.
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कई बार हम लोग चीजों को तो समझते हैं, लेकिन एक भेड़ चाल शुरू हो जाती है. कृषि कानून के वापस लौटने को लेकर उन्होंने कहा कि किसी किसान से मैंने पूछा था कि बता दीजिए, इसमें काला कानून क्या है, इन्क के अलावा क्या काला है! इसमें कुछ उन्होंने कहा कि हम आपकी बात मानते हैं, उसका क्या इलाज है. कोई इलाज नहीं है. कई लोगों की किसान संगठनों में आपस के वर्चस्व की लड़ाई है. खासकर ऐसे लोग छोटे किसान के फायदे की बात नहीं सोचते. इसलिए प्रधानमंत्री ने कानून वापस ले लिया. चुनाव के अंदर जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी जीतेगी. आप खुद देख लीजिएगा.