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This Article is From Nov 20, 2021

'700 किसान शहीद, उनके परिजनों को एक-एक करोड़ मुआवजा भी दें', वरुण गांधी की PM मोदी को चिट्ठी

इस चिट्ठी में वरुण गांधी ये भी लिखा कि लखीमपुर खीरी घटना लोकतंत्र पर धब्बा है. इस मामले से जुड़े मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.  साथ ही सरकार को राष्ट्र हित में न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गारंटी देने की किसानों की मांग को स्वीकार करना चाहिए.

'700 किसान शहीद, उनके परिजनों को एक-एक करोड़ मुआवजा भी दें', वरुण गांधी की PM मोदी को चिट्ठी
वरुण गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी, किसानों के समर्थन में की ये बात
नई दिल्ली:

बीजेपी सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने भी पीएम मोदी के कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान का स्वागत किया है. उन्होंने इसे लेकर एक खत भी लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने की घोषणा का मैं स्वागत करता हूं. मेरा विनम्र निवेदन है कि एमएसपी पर कानून बनाने की मांग व अन्य मुद्दों पर भी अब तत्काल निर्णय होना चाहिए, जिससे किसान भाई आंदोलन समाप्त कर सम्मान घर लौट जाएं. इस चिट्ठी में उन्होंने ये भी लिखा कि लखीमपुर खीरी घटना लोकतंत्र पर धब्बा है. इस मामले से जुड़े मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.  साथ ही सरकार को राष्ट्र हित में न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गारंटी देने की किसानों की मांग को स्वीकार करना चाहिए. 700 किसान इस आंदोलन के दौरान शहीद हुए हैं, उनके परिजनों को एक-एक करोड़ मुआवजा भी दें.

क्या है C2+50% फार्मूला?
कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में गठित नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि किसानों को C2+50% फार्मूले के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया जाय. इसका अर्थ कुल फसल लागत (Complete Costs- C2) और उस पर 50 फीसदी मुनाफे से है.वरुण गांधी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर इसी फार्मूले के तहत किसानों को तुरंत MSP देने का अनुरोध किया है.

यहां पढ़ें पूरी चिट्ठी

बता दें कि वरुण गांधी किसानों के मुद्दे उठाते रहे हैं. वे लगातार किसानों के समर्थन में ट्वीट करते रहे. उनका कहना है कि जब तक एमएसपी की वैधानिक गारंटी नहीं होगी, ऐसे ही मंडियों में किसानों का शोषण होता रहेगा. इस पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए'. उन्होंने लखीमपुर खीरी घटना के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग को उठाया. इसके साथ ही अपनी पार्टी के निर्णय पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी जरूरत है. यही नहीं उन्होंने योगी सरकार को भी आड़े हाथों लिया था और कहा था कि ऐसी सरकार का क्या मतलब है. पीलीभीत में भारी बारिश के दौरान आई बाढ़ को लेकर उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार पर हमला बोला था कि अगर आम आदमी को उसके हाल पर ही छोड़ दिया जाएगा तो ऐसी सरकार का क्या मतलब है.
 

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