समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने उत्तर विधानसभा चुनाव प्रचार में चुनाव आयोग की ओर से रैलियों पर लगाई रोक पर सवाल उठाए हैं. राम गोपाल यादव का कहना है कि अखिलेश यादव की रैलियों में भीड़ देखकर सरकार घबरा गई है. और उसके अनुकूल ही व्यवस्था हो रही है. उन्होंने कहा कि मतदाता साइकिल पहचानता है और साइकिल का बटन ही दबाएगा.
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'झंडा, बैनर, पोस्टर, होर्डिंग कुछ नहीं लगा सकते. सभा, नुक्कड़ सभा, रोड शो, रैली भी नहीं कर सकते. मीडिया विपक्ष को दिखा नहीं सकती तो क्या अखिलेश की जनसभाओं में उमड़ते जन सैलाब से घबराकर सरकारी पार्टी के अनुकूल सब व्यवस्था की जा रही है. मतदाता साइकिल पहचानता है. और साइकिल का बटन ही दबाएगा.' इस ट्वीट के साथ उन्होंने अखिलेश यादव की एक रैली का वीडियो भी शेयर किया है. जिसमें सैंकड़ों की संख्या में भीड़ दिख रही है.
झंडा बैनर पोस्टर होर्डिंग कुछ नहीं लगा सकते,सभा नुक्कड़ सभा रोडशो रैली भी नहीं कर सकते। मीडिया विपक्ष को दिखा नहीं सकती तो क्या अखिलेश की जनसभाओं में उमड़ते जन सैलाब से घबड़ाकर सरकारी पार्टी के अनुकूल सब व्यवस्था की जारही है।मतदाता सायकिल पहचानता है।और सायकिल का बटन ही दबाएगा। pic.twitter.com/gnBzlyogLm
— prof ram gopal yadav (@proframgopalya1) January 10, 2022
EC ने लगाया रैलियों पर बैन
कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामले और ओमीक्रोन को देखते हुए शनिवार को चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए उत्तर प्रदेश में डिजिटल माध्यमों से चुनाव प्रचार पर जोर दिया. चुनाव आयोग ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार किसी भी तरह की रैली या जनसभा, रोड शो, पद यात्रा या साइकिल या बाइक रैली या फिर नुक्कड़ सभाओं जैसे आयोजन 15 जनवरी तक नहीं कर सकेगा.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि कोरोना से बचाव संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए चुनावी प्रक्रिया को संपन्न किया जाएगा और इसमें हिस्सा लेने वाले सभी कर्मियों को कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक दिलाना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाएगा. मतदान केंद्रों पर सैनिटाइजर और मास्क जैसी कोविड से बचाव की सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
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