पिछले चार दिन से सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले की जांच कर रही एसआईटी लापता है... वह कहां है और किस तरीके से जांच आगे बढ़ा रही है, किसी को नहीं पता। यहां तक कि खुद दिल्ली पुलिस के कमिश्नर भीमसेन बस्सी ने भी कहा कि फिलहाल वह एसआईटी को डिस्टर्ब नहीं करना चाहते, लिहाज़ा उन्हें अपने हिसाब से काम करने दिया जाए।
दरअसल, सुनंदा पुष्कर के हाई-प्रोफाइल केस में दिल्ली पुलिस ने मीडिया को डोज़ देने के लिए खास रणनीति बनाई है। इस मामले की जांच के लिए दक्षिण जिले के डीसीपी की देखरेख में एक एसआईटी बनाई गई है, लेकिन खास बात यह है कि एसआईटी के गठन के बाद जांच तो तेजी से शुरू हुई, लेकिन एसआईटी कहां से ऑपरेट कर रही है, कहां पूछताछ कर रही है, पुलिस कमिश्नर और चंद अफसरों को ही बताया गया है।
एसआईटी के ठिकाने को लेकर मीडिया भी इधर-उधर भटक रहा है, ताकि जिन लोगों से पूछताछ हो रही है, उनके बारे में पता चल सके, लेकिन अभी तक किसी को किसी भी तरह की कोई हवा तक नहीं लगी है।
दिल्ली पुलिस के एक बड़े अफसर के मुताबिक मीडिया के दखल को रोकने के लिए ही यह कदम उठाया गया है, क्योंकि अगर मीडिया को यह पता चल गया तो आगे की जांच काफी मुश्किल हो सकती है। जानकारों के मुताबिक इस केस में शुरुआत से ही दिल्ली पुलिस ने गुपचुप जांच आगे बढ़ाई है।
29 दिसंबर को मेडिकल बोर्ड की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद 1 जनवरी को ही पुलिस ने सरोजिनी नगर थाने में सुनंदा पुष्कर की हत्या का मामला दर्ज कर लिया था, लेकिन 2 जनवरी को सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के इस मामले में सवाल पूछने पर भी पुलिस कमिश्नर ने एफआईआर की बात नहीं बताई, और बस इतना ही कहा, वक्त आने पर मीडिया को सब बताया जाएगा।
इसी तरह इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने पुलिस मुख्यालय में मौजूद मीडिया को अचानक दिए अपने बयान में यह बताकर सबको चौंका दिया कि पुलिस ने इस केस में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है, सो, जाहिर है, इस खबर के सामने आने के बाद मीडिया इस पर जानकारी जुटाने में जुट गया।
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