चेन्नई:
एक सिख युवक ने दावा किया है कि चेन्नई मेट्रो के सुरक्षाकर्मियों ने वडापलानी स्टेशन पर उनसे पगड़ी उतारने को कहा, जिसके बाद चेन्नई मेट्रो के कर्मचारियों ने उनसे माफी मांगी है। मेट्रो अधिकारियों ने हालांकि इस बात का खंडन किया है।
29 साल के इंजीनियर तंदीप सिंह ने फेसबुक पर लिखा कि 31 अगस्त की रात को मेट्रो स्टेशन पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका। सभी तरह की जांच करने के बाद सुरक्षाकर्मी ने मेरी पगड़ी की ओर इशारा किया और इसे हटाने को कहा। उनके इस फेसबुक पोस्ट को काफी लोगों ने शेयर किया था।
तंदीप ने एनडीटीवी से कहा, मैंने सुरक्षाकर्मियों से कहा कि सिर से पगड़ी हटाना उनकी परंपरा के खिलाफ है और उन्हें ऐसा करने के लिए नहीं कहना चाहिए। उन्होंने कहा, मैंने गार्ड्स से ये भी कहा कि सिखों को हेलमेट पहनने से भी छूट मिली हुई है। लेकिन वो मेरी बात सुनने को तैयार नहीं थे। इसके बाद मैंने उनके सुपरवाइजर को बुलाया, जिन्होंने बाद में मुझसे माफी मांगी और मुझे बिना पगड़ी उतारे यात्रा करने दिया।
अपने फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि वह अमेरिका में काफी घूमे हैं, लेकिन वहां इस तरह की कोई घटना उनके साथ नहीं हुई। उन्होंने लिखा, मैंने सोचा कि चेन्नई वाकई बदल गया है और हम ऐसे शहर में घूम रहे हैं, जहां विभिन्न संस्कृतियों और नस्लों को आसानी से स्वीकार किया जाता है।
गुरुवार शाम को उन्होंने पोस्ट किया कि मेट्रो अधिकारियों ने उनसे बात की और माफी मांगी। हालांकि चेन्नई मेट्रो के अधिकारियों ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है। नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमने तत्काल सीसीटीवी रिकॉर्डिंग की जांच की, जिसमें तंदीप की सामान्य रूप से जांच की जाने की तस्वीरें हैं और वह जांच के बाद चले जाते हैं। बाद में तंदीप ने कहा, पता नहीं वो क्यों इनकार कर रहे हैं। उनके ऑपरेशंस मैनेजर ने भी मुझे कॉल किया और माफी मांगी।
29 साल के इंजीनियर तंदीप सिंह ने फेसबुक पर लिखा कि 31 अगस्त की रात को मेट्रो स्टेशन पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका। सभी तरह की जांच करने के बाद सुरक्षाकर्मी ने मेरी पगड़ी की ओर इशारा किया और इसे हटाने को कहा। उनके इस फेसबुक पोस्ट को काफी लोगों ने शेयर किया था।
तंदीप ने एनडीटीवी से कहा, मैंने सुरक्षाकर्मियों से कहा कि सिर से पगड़ी हटाना उनकी परंपरा के खिलाफ है और उन्हें ऐसा करने के लिए नहीं कहना चाहिए। उन्होंने कहा, मैंने गार्ड्स से ये भी कहा कि सिखों को हेलमेट पहनने से भी छूट मिली हुई है। लेकिन वो मेरी बात सुनने को तैयार नहीं थे। इसके बाद मैंने उनके सुपरवाइजर को बुलाया, जिन्होंने बाद में मुझसे माफी मांगी और मुझे बिना पगड़ी उतारे यात्रा करने दिया।
अपने फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि वह अमेरिका में काफी घूमे हैं, लेकिन वहां इस तरह की कोई घटना उनके साथ नहीं हुई। उन्होंने लिखा, मैंने सोचा कि चेन्नई वाकई बदल गया है और हम ऐसे शहर में घूम रहे हैं, जहां विभिन्न संस्कृतियों और नस्लों को आसानी से स्वीकार किया जाता है।
गुरुवार शाम को उन्होंने पोस्ट किया कि मेट्रो अधिकारियों ने उनसे बात की और माफी मांगी। हालांकि चेन्नई मेट्रो के अधिकारियों ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है। नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमने तत्काल सीसीटीवी रिकॉर्डिंग की जांच की, जिसमें तंदीप की सामान्य रूप से जांच की जाने की तस्वीरें हैं और वह जांच के बाद चले जाते हैं। बाद में तंदीप ने कहा, पता नहीं वो क्यों इनकार कर रहे हैं। उनके ऑपरेशंस मैनेजर ने भी मुझे कॉल किया और माफी मांगी।
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