दिल्ली में सरकारी और निजी गौशालाओं में फंड की कमी के चलते 25 हजारों गायों को चारे की कमी से जूझना पड़ रहा है. दिल्ली की सबसे बड़ी सरकारी गौशाला के पास केवल पांच से सात दिन का चारा ही बचा है. इस गौशाले में 9 हजार से ज्यादा गाय रहते हैं. लेकिन लॉकडाउन में दानदाताओं की कमी और नगर निगम के फंड न मिलने से अब इन गायों पर भुखमरी के बादल मंडराने लगे हैं. गौशाला के संचालक का कहना है कि हमारा MCD से तीन साल का 18 करोड़ का बकाया है अगर फंड नहीं दिया तो इसे बंद करना पड़ेगा. 25 फीसदी केवल दान रह गया है लोग दान करने नहीं आ रहे हैं.
बताते चले कि इस गौशाला में हर रोज चार से पांच लाख रुपए का खर्चा होता है.फंड की कमी से इस साल सूखा चारा भी नहीं खरीदा जा सका है. चारे के गोदाम खाली पड़े हैं. संचालक का कहना है की सूखा चारा सात दिन का बचा है हरा चारा किसान हमें दे नहीं रहे हैं क्योंकि उनको हम पैसा नहीं दे पा रहे रहैं. गौरतलब है कि दिल्ली हरियाणा के इस बार्डर पर छोटी बड़ी करीब 25 गौशालाएं हैं..यहां नगर निगम के अलावा गौरक्षा दलों की गायें भी लाई जाती हैं लेकिन कुछ को छोड़कर बाकी सब खासे संकट में है.
एमपी: गौशाला में बैल को घास खिलाने गया था चौकीदार, सींग मारकर किया लहूलुहान, मौके पर ही मौत
जब NDTV कि टीम गौशाले में पहुंची तो वहां कोई इंसान नही मिला. गौशाला का बैनर खराब हो चुका था. बड़ी मुश्किल से संचालक का फोन नंबर लेकर हमने बात की तो उन्होंने बताया कि वो अपने खर्च से गौशाला चलाते हैं. गौरतलब है कि दिल्ली में नगर निगम आवारा मवेशी, किसानों के छोड़े गए गाय और बीमार पशुओं के लिए पांच सरकारी गौशाला खोले गए थे. यहां करीब 25000 हजार से ज्यादा गाय और मवेशियों को रखा गया है. निगम के मेयर भी मानते है कि गौ शालाओं पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश ने कहा कि हमारे जानकारी में है मैंने कनिश्नर से बात भी की है हम आश्वासन दे रहे हैं जल्द ही हम फंड के बारे में निर्णय ले लेंगे.
VIDEO: एमपी: गाय टैक्स लगाने पर विचार कर रही सरकार
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं