शिवराज सिंह चौहान आज तोड़ सकते हैं उपवास, 4 पीड़ितों के परिजनों ने की है अपील

चौहान ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साए में प्रदेश में शांति बहाली के लिए अपना अनिश्चितकालीन उपवास शनिवार को शुरू किया.

शिवराज सिंह चौहान आज तोड़ सकते हैं उपवास, 4 पीड़ितों के परिजनों ने की है अपील

सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलते पीड़ि‍तों के परिजन

खास बातें

  • शिवराज ने कहा, 'पूरे प्रदेश में शांति बहाल होने तक वो उपवास जारी रखेंगे'
  • मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीबारी में 5 की मौत हो गई थी
  • कर्ज माफी समेत 20 सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों ने यह आंदोलन किया है
भोपाल:

आंदोलन कर रहे मालवा के किसानों को मनाने के लिए भोपाल में उपवास पर बैठे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को उपवास तोड़ सकते हैं. NDTV को इस तरह के संकेत मिले हैं. मंदसौर में मारे गये 4 लोगों के परिजनों ने उनसे मिलकर उपवास खत्म करने की अपील की है. लेकिन तब शिवराज ने उनसे कहा था कि शांति होते ही वो उपवास खत्म कर देंगे. शिवराज ने कहा था कि यह उपवास उन्‍होंने प्रदेश में शांति के लिए किया है और जब तब हिंसा खत्‍म नहीं हो जाती और पूरे प्रदेश में शांति नहीं हो जाती, वो उपवास नहीं तोड़ेंगे. हालांकि उन्‍होंने इशारा किया कि रविवार को सभी परिस्थितयों को देखते हुए और तमाम लोगों से चर्चा करने के बाद ही वो अंतिम फैसला लेंगे.

गौरतलब है कि चौहान ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साए में प्रदेश में शांति बहाली के लिए अपना अनिश्चितकालीन उपवास शनिवार को शुरू किया. जिस मंच पर वह उपवास के लिए बैठे, उस पर गांधीजी की एक बड़ी तस्वीर लगी हुई थी. चौहान के उपवास स्थल पर पहुंचने से ठीक पहले मंच पर महात्मा गांधी की तस्वीर रखी गई. उपवास शुरू करने से पहले चौहान को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने तिलक लगाकर विधिवत उपवास पर बैठाया. उसके बाद, चौहान सत्य एवं अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की तस्वीर के पास में ही बैठ गये और अपना अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया.

छह जून को मंदसौर जिले में किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी और छह अन्य किसान घायल हो गये थे, जिसके बाद किसान भड़क गये थे और किसान आंदोलन समूचे मध्यप्रदेश में फैल गया तथा और हिंसक हो गया. अपनी उपज का सही मूल्य दिलाये जाने और कर्ज माफी समेत 20 सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों ने यह आंदोलन किया.

(इनपुट भाषा से...)


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